भव्य कलश शोभायात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा प्रारम्भ
कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए आज से श्रीमद् भागवत कथा भगवान श्रीराम श्री साँई मंदिर बेलाताल टापू कथा फेसबुक लाईव जरूर सुने
दमोह। स्थानीय बेलाताल टापू पर आज से कलश शोभायात्रा के साथ भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन प्रारम्भ हुआ कथावाचक आचार्य पंडित रवि शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से भगवान श्रीकृष्ण के प्रति परम प्रेममई भक्ति का उदय होता है और जिससे जीवके शोक मोह और भय नष्ट हो जाते हैं पंडित रवि शास्त्री ने कहा कि सबसे बड़ी शत्रु हमारी इंद्रियां है और इन्हीं की इच्छा पूर्ति, प्राप्ति एवं पुष्टि के लिए मनुष्य नाना प्रकार के पाप, दुष्कर्म करता है और यही एक दिन उसके अंत का कारण बनती है।इन्हीं के जाल में फसकर वह अपना अंत स्वयं करता है। धुंधकारी अपने कर्मों के कारण भयंकर प्रेत हुआ।
मनुष्य को कर्तव्य कर्मों के फलस्वरूप जो मिलता जाए, उसी को प्रभु का प्रसाद मानकर ग्रहण करते रहना चाहिए, अनावश्यक इच्छा आकांक्षाओं की मृगतृष्णा के पीछे नहीं दौड़ना चाहिए। आज व्यक्ति धन दौलत एकत्र करने में तथा पद-प्रतिष्ठा प्राप्त करने में लगा है। हर व्यक्ति पूरी तरह तन और धन के पीछे पड़ा है, और उसका कोई ध्यान नहीं है। वह विषयों के भंवर-जाल में उलझता जा रहा है, जबकि जीवन प्रतिपल मृत्यु की ओर बढ़ रहा है। मनुष्य का पूरा जीवन इसी आपाधापी में गुजर जाता है। अतएव भागवत-कथा व्यक्ति को अपने सांसारिक कर्तव्य एवं दायित्वों का निर्वाह करते हुए स्वयं के आत्मोत्थान पर चिंतन करने हेतु प्रेरित करती है। कथा के गंभीर चिंतन, मननसे व्यक्ति मानव-जीवन की महत्ता को समझकर अध्यात्म की ओर उन्मुख होता है, और यह चिंतन-मनन उसे मोक्ष पथ पर ले जाकर परमात्मा से मिलाता है।
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