हेडिंग मित्रता की पहचान हैं सुदामा जी पंडित संतोष शास्त्री
दमोह । बांदकपुर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भजिया ग्राम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस की कथा में कथावाचक पंडित संतोष शास्त्री ने सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन किया जिसमें उन्होंने कहा कि सुदामा जी एक निर्धन ब्राह्मण थे और भगवान वासुदेव श्री कृष्ण के मित्र थे लेकिन उन्होंने अपने मित्र से कभी कुछ मांगा नहीं भगवान वासुदेव के पास बहुत कुछ था लेकिन कुछ नहीं मांगा बस भजन करते रहे भजन करते रहे कभी-कभी तो अन्न का दाना नहीं था उनके पास खाने के लिए भोजन नहीं था लेकिन मित्रता भगवान कृष्ण से सीखिए निभाना कि भगवान ने अपने मित्र सुदामा को गले से लगाया कथावाचक संतोष शास्त्री जी के साथी आचार्य रामअवतार दुबे जी एवम संगीत्तज्ञ आर्गन पर सुनील पटेल तबला पर मोटी राजपूत पैड पर देव यादव जी हैं राधे राधे
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