नक्सलियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पुलिस मुखबिरों को दिया चेतावनी
(पुलिस मुखबिरी करने से करो तौबा,नही तो मिलेगी सजा)
(शिवशंकर पाण्डेय जिला ब्यूरो)
बालाघाट। नक्सलियों ने एक बार पुनः प्रेसनोट जारी कर पुलिस की कार्यप्रणाली की घोर निंदा की है और मुखबिरी कर रहे लोगों को चेतावनी दी है कि वे लोग चंद पैसों के लालच में आकर मुखबिरी करना बंद कर दे, वरना जनता की जन अदालत में मालखेड़ी जैसे मौत की सजा भुगतने को तैयार रहे। उक्त आशय का एक पत्र भारत कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी महाराष्ट्र मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता अनंत ने भेजा है। जहां इस आशय का एक पत्र पांढरवानी के बैगा टोला में प्राप्त हुआ हैं। जहां प्रेसनोट में नक्सलियों ने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अपने नक्सली साथियों का उल्लेख किया है।
प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नक्सलियों ने शासन और पुलिस प्रशासन पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है।जिसमे नक्सलियों ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया है कि सीधे साधे आदिवासियों को नक्सली बताकर पुलिस मुठभेड़ में मार रही है जो गलत है।यह कार्यवाही पूंजीपतियों के इशारे पर पुलिस करती है जिसको जनता को समझना चाहिए।अपने नक्सली कामरेड व साथियों को धोखा से मारने का भी आरोप नक्सलियों ने पुलिस पर लगाया है।ज्ञात हो कि बीते 1 जुलाई 2019 को मध्यप्रदेश के बलाघाट जिले के लांजी तहसील के ग्राम पुजारीटोला में गुप्त सूचना के आधार पर सुनयोजित और षड़यंत्र पूर्वक घर में घुसकर कॉमरेड मंगेश व कॉमरेड नंदा की क्रूरतापूर्वक दुश्मनो ने हत्या कर दिया। दिनांक 11 सितम्बर को ग्राम बोरबन में कॉमरेड सावित्री व कॉमरेड शोभा की निर्गम हत्या किया, जो बेकसूर थे। दिनांक 6 नवम्बर 2020 को बैहर तहसील के ग्राम मालखेड़ी में कॉमरेड शारदा की क्रूरता पूर्वक मुटभेड में हत्या कर दिया। दिनांक 10 अगस्त को ग्राम खराड़ी में कॉमरेड सुभाष के ऊपर दुश्मनो ने ताबडतोड गोलिया चलाई, जिसमे कॉमरेड सुभास लड़ते लड़ते शहीद हो गया।
एमएमसी स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता अंनत द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जितना भी मुठभेड़ हुआ है उसको सुनयोजित मुठभेड करार दिया जाता है। भा.क.पा. इन हत्याओ की कड़ी भर्त्सना एवं निंदा करती है। तमाम कॉमरेड की हत्या साम्राज्यवाद के दलाल पूंजीपति से बेसुमार दौलत मंदों को फायदा पहुंचाने के लिए शोषित जनता के जल जंगल और जमीन पर कब्जा करने के लिये मोदी सरकार की चाल है। फांसीवादी, दमनकारी, रणनीति समाधान 2022 का ही भाग है मोदी, अमित शाह से लेकर उद्धव ठाकरे, भूपेश भघेल, शिवराज सिंग चौहान और तमाम उनकी दमनकारी पुलिस मंत्रणा इन हत्यायों के षड़यंत्र में शामिल है। इससे पहले भी कई बार बालाघाट पुलिस ने ग्रामीणों पर फायरिंग कर उनकी हत्या कर उन्हे माओवादी बताकर अपनी पीठ थपथपाई है।
2019 में ग्राम दहीयानटोला के हीरालाल टेकाम और नवम्बर 2020 में बालसमुंद के झामसिंग धुर्वे की निर्गम हत्या करके उन्हे माओवादी बताया। पुलिस अपनी कायराना हरकत को छुपाने के लिए माओवादी के साथ मुठभेड होने की मिडिया में अफवाह फैला दी, जिसकी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी घोर निंदा करती है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में नक्सलियों ने पुलिस के मुखबिरों को भी चेताया है कि चंद पैसे की लालच में आकर पुलिस की मुखबिरी करना बंद करो, नहीं तो मालखेडी जैसी मौत की सजा भुगतने को तैयार रहो। जनता उनको कभी माफ नहीं करेगी।
इनका कहना है..
आप लोगों के द्वारा हमें यह जानकारी मिली है, हम इसकी जांच करवायेगें।
समीर सौरभ, पुलिस अधीक्षक बालाघाट।
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