जिला~गौरेला पेंड्रा मरवाही में जान जोखिम में उठाकर धनौरा आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ रहे मासूम बच्चे प्रशासन बेखबर।
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया, ऐसे हो हालात तो कैसे बढ़ेगा इंडिया,
जर्जर आंगनबाड़ी भवन को लेकर बच्चों के माता-पिता में आक्रोश,
जिला~गौरेला पेन्ड्रा मरवाही
छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल एवं महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया महिला बाल विकास विभाग मे बालिकाओं की सुरक्षा संवर्धन करने के लिए प्रतिबद्ध है , छत्तीसगढ़ के 28 वां जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही अपने विकास की गाथा गाते हुए 2 की वर्षगांठ मनाते हुए नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में करोड़ों रुपए की सौगात देकर विकास की गंगा बहाया जा रहा है
ताकि बदहाल की तस्वीर की तकदीर बदल सके, लेकिन स्थानीय महिला बाल विकास अधिकारी की मनमानी और लापरवाही के चलते शासन प्रशासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आंगनबाड़ी भवन की हालात बिगड़ते जा रहे हैं, महिला बाल विकास अंतर्गत संचालित होने वाले आंगनबाड़ियों की स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है, जर्जर भवन में जान जोखिम में डालकर मासूम बच्चों को आंगनबाड़ी में बैठने पर मजबूर होना पड़ रहा है,
ऐसा ही मामला आया है छत्तीसगढ़ की चर्चित और ऐतिहासिक विधानसभा सीट कहे जाने वाले मरवाही विकासखंड के महज 6 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत धनौरा के केरहाटोला आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 10की जहां के मासूम बच्चे जान जोखिम में उठाकर अपने भविष्य संवारने के लिए आंगनबाड़ी में पढ़ रहे हैं।
बता दें मासूम बच्चे अपनी जान को हथेली में रखकर जर्जर आंगनबाड़ी में अपने भविष्य संवारने के लिए पढ़ रहे हैं, और कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है, आंगनवाड़ी भवन की छत की सरिया बाहर निकल आए हैं भवन की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है क्या आंगनवाड़ी भवन कभी भी गिर सकता है ऐसे ही मासूम बच्चों को बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं, ग्राम पंचायत धनौरा के सरपंच जोहन सिंह के बार-बार संज्ञान दिलाने के बाद भी सक्षम अधिकारी लापरवाही और मनमानी की गहरी नींद से अभी तक जागे नहीं है,
बच्चों के माता-पिता में आक्रोश:-
जर्जर आंगनबाड़ी भवन की स्थिति को लेकर बच्चों के माता-पिता में आक्रोश है उनका कहना है कि आंगनबाड़ी भवन जर्जर हो चुका है महिला बाल विकास विभाग मरवाही के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं हमें बच्चों को आंगनबाड़ी भेजने में डर लग रहा है,
वही ग्राम पंचायत धनौरा के सरपंच जोहन सिंह का कहना है कि मैंने आंगनबाड़ी की जर्जर स्थिति के बारे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित विभाग को कई बार जानकारी दे चुका हूं, बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी रहती है ग्रामीण लगातार शिकायत करते रहते हैं,
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीता केवट का कहना है कि मैं अपने विभाग जर्जर आंगनबाड़ी भवन की जानकारी दे चुकी हूं,
महिला बाल विकास अधिकारी मरवाही मिलिंद द्विवेदी का कहना है कि जर्जर आंगनबाड़ी भवन की जानकारी प्राप्त नही हुई है,
सवाल यह उठता है कि मासूम बच्चों की जान को जोखिम में डालकर महिला बाल विकास अधिकारी मरवाही सजग क्यों नहीं है, क्या आंगनवाड़ी केंद्रों में निरीक्षण और जांच की आवश्यकता नहीं है ,क्या मासूम बच्चों को ऐसे ही जान हथेली में रखकर पढ़ाई करना पड़ेगा ,
गौरतलब है कि नवनिर्मित जिला गौरेला पेन्ड्रा मरवाही बनने के बाद करोड़ों रुपए की सौगात देकर विकास की गंगा बहा जा रहा है, अब देखना यह होगा कि विकास की गंगोत्री के पानी छत्तीसगढ़ के चर्चित और ऐतिहासिक विधानसभा सीट कहे जाने वाले मरवाही के ग्राम पंचायत धनौरा के मासूम बच्चों के आंगनबाड़ी तक कब तक पहुंच पाती है, यह देखना सुनिश्चित होगा।
सूरज यादव
CENTRAL NEWS INDIA CHANNEL
ब्यूरो/संवाददाता
जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही छ.ग.
9617435197
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