प्रशासन की पहल से देवरबेली व बोदरा में रोका गया बाल विवाह
(शिवशंकर पाण्डेय जिला ब्यूरो)
बालाघाट। बाल विवाह रोकने हेतु प्रशासन ने कंट्रोल रूम बनाया है।जिले के किसी हिस्से से टोल फ्री नंबर 6262240299 पर कोई भी सूचना देकर बाल विवाह रोकने में मदद कर सकता है।इतना तामझाम होने के बाद भी बाल विवाह रुकने का नाम नही ले रहा है। लांजी तहसील के ग्राम देवरबेली में बाल विवाह होने का मामला सामने आया जहाँ प्रशासन मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और बाल विवाह होने से रोका। लांजी एस डी एम ज्योति ठाकुर द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त किया गया है। इसी कड़ी में महिला बाल विकास द्वारा ग्राम देवरबेली व ग्राम बोदरा में बाल विवाह करते परिवार को रोका गया।
मामला लांजी तहसील के अंतर्गत ग्राम देवरबेली एवं ग्राम बोदरा का है, जहां ग्राम देवरबेली निवासी अपनी बेटी की शादी बोदरा ग्राम निवासी से तय की थी। जिसमें लड़का लड़की दोनों नाबालिग थे जिसमें एसडीएम ज्योति ठाकुर ने महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी पद्मावती परते को मौके पर भेजकर बाल विवाह रुकवाया।हालांकि यह कोई नई बात नही है।जंगल भीतर निवास रत ज्यादातर आदिवासी परिवार अपने बच्चों का समय से पहले विवाह कर देते है जिस पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।इस कुप्रथा को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से रोका जा सकता है।लेकिन बिडम्बना यह है कि जंगल भीतर जितने भी आंगनवाड़ी संचालित है वहां गिने चुने ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी सेवा देती है बाकी अपने घर मे बैठकर वेतन ले रही है जिनपर विभागिय कार्यवाही करने की जरूरत है ताकि बाल विवाह रोकने सहित बच्चों को उचित शिक्षा भी मिले।
ग्राम देवरबेली पहुंचे अधिकारी ने परिवारजनों से दस्तावेजों की जानकारी ली, लेकिन परिवार पूर्ण रूप से दस्तावेज नहीं बता सके। वही ग्राम देवरबेली मे लड़की 16 वर्ष3 महीना और बालक के विवाह को भी रोककर महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा मौके स्थल पर पहुंचकर पंचनामा बनाया। वहीँ दोनों परिवारों से बाल विवाह नही करने का वचन लिया गया।
महिला बाल विकास अधिकारी पद्मावती परते ने कहा कि- ‘सूचना मिलने पर हम मौके पर पहुंचे और विवाह करने के लिए रोका है वही दोनों पक्षों को समझाइश दी गयी कि जब तक लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष ना हो तब तक विवाह नहीं किया जाए
विदित हो कि अक्षय तृतीय के अवसर पर विवाह एवं सामूहिक विवाह का अधिक संख्या में आयोजन होता है, जिसमें बाल विवाह होने की अंधिक संभावना रहती है। जिले में बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है और जिले की जनता से अपील की गई है कि वे बाल विवाह को रोकने में मदद करें और कहीं पर भी बाल विवाह न होने दें। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अनुसार 18 वर्ष से उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह कहलाता है। वहीं लांजी तहसील अंतर्गत ग्राम देवरबेली में महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला व स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मिलकर इस बाल विवाह को रोकने में योगदान दिया।
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