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Saturday, May 21, 2022

कोरबा जिले में जगह जगह अवैध कबाड़ संचालित पुलिस प्रशासन की छवि हो रही है धूमिल

कोरबा जिले में जगह जगह अवैध कबाड़  संचालित पुलिस प्रशासन की छवि हो रही है धूमिल




आईजी एवं जिला कलेक्टर के निर्देश पर अवैध कोयले पर ताबड़तोड़ कारवाही, लेकिन अवैध कबाड़ पर कार्यवाही कब होगी,



कोरबा  - कोरबा जिला में पुलिस प्रशासन अपराधियों का जड़ खत्म करने में कोई कमी नहीं की जा रही है, कोरबा जिले में अपराध रोकने को लेकर पुलिस कैप्टन अपने दलबल के साथ खड़े दिखते हैं, जिसकी वजह से अपराध करने वाले अपराधियों में खौफ का डर बना हुआ है, जिसकी वजह से कोरबा शहर के लोग अमन चैन के साथ जिंदगी जी रहे हैं, कोरबा जिले जब से पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कदम रखा है, तब से


अपराधियों में खौफ साफ साफ दिख रहा है, कई अपराधी सुधर गए और कई अपराधी जिला छोड़ भाग चुके हैं, उसके बावजूद भी कबाड़ माफिया पुलिस प्रशासन को चुनौती देते नजर आ रही है, अवैध कबाड़ माफिया में पुलिस प्रशासन का डर का खौफ नहीं दिख रहा, जिसकी वजह से कोरबा शहर में कबाड़ धड़ल्ले से संचालित हो रही,  वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन की छवि धूमिल करने का ठेका मानो ऐसा लग रहा है कि अवैध कबाड़ माफिया ने उठा लिया हो,  एक तरफ जिलेभर में कबाड़ी सामान के खरीद-फरोख्त पर जिला प्रशासन द्वारा पाबंद लगाने के बावजूद कोरबा शहर के हर गली मोह्हलो में खुलेआम प्लास्टिक की आड़ में स्क्रेप का कारोबार संचालित हो रहा है। कुआंभट्टा कबाड़ी दुकान में बड़े पैमाने पर पावर प्लांटों का लोहा एवं राखड़ पाइप, फ़ैक्ट्रियो की लोहे की चद्दर और वाहन एवं चोरी के सामान धड़ल्ले से खरीदी बिक्री कर रहे है, आज भी प्रशासन के नीति-नियम और आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जबकि प्रशासन को तत्काल इस पर संज्ञान लेकर अपनी जिम्मेदारी का परिचय नगरवासियों व क्षेत्रवासियों को अवगत कराने की जरूरत है। क्योंकि जिले में कुछ वर्ष पूर्व लगातार हो रही चोरी व अन्य आपराधिक गतिविधियों को ध्यान में रखकर ही यह प्रतिबंध जिला प्रशासन की ओर से जारी किया गया था। 


आसपास के लोगों का रहना हुआ मुहाल- सूत्र बताते हैं कि बुधवारी बाईपास रोड में स्थित कबाड़ी दुकान द्वारा खुलेआम गैस कटर से प्लांट का पाइप एवं चोरी के सामानों की कटिंग की जाती हैं, तो वहीं शासकीय कार्यों में उपयोग होने वाले चोरी के केबल को खुलेआम आग के हवाले केबल के अंदर से तांबे के वायर निकाले जाते हैं, और नगर को प्रदूषित लगातार कर रहे हैं। यहां के आस-पास के लोगो का रहना मुहाल हो गया हैं। इस सम्बंध में आस- पास के लोगों ने कई दफा थाने में शिकायत दर्ज कराने की भी जानकारी है किन्तु कबाड़ माफिया के हाथ इतने लंबे है कि इनको पुलिस भी कुछ नही कर सकती हैं।

प्रशासन का नहीं है खौफ- गौरतलब है की इस गोरख व्यापार के पीछे छोटे से लेकर बड़े अधिकारी-कर्मचारी की मिली भगत का आश लगता है। जानकारों की मानें तो कोरबा में चर्चित नाम वाले कबाड़ ज्यादा सक्रिय हैं, जिन्हें प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। यही कारण है कि यह कबाड़ी दिन भर शासन-प्रशासन और जनता को चूना लगा रहे हैं। इस बात से जनता काफी परेशान हैं। क्योंकि सार्वजनिक जगहों से जरूरत की चीजों को क्षति तो पहुंचाया ही जाता है। साथ ही लोगों की निजी सम्पत्तियों की भी चोरी हो जाती है, जो चोरों द्वारा कबाडिय़ों को ही बेचा जा रहा है।

अंदरूनी मौन सहमति मिली है चोर हुए सक्रिय कबाड़ माफिया मालामाल- कोरबा शहर में आए दिन चोरी कि शिकायतें दर्ज होती रहती है, कबाड़ व्यवसाय पर अंकुश नहीं लग पा रही है, जिससे लोगों के नवनिर्मित भवनों, सार्वजनिक स्थलों में लोग अपनी जरूरत की चीजों पर हाथ-साफ करने में इन दिनों चोर और कबाड़ी दोनों सक्रिय हैं, जिसके कारण चोर लोहे, तांबे और प्लास्टिक के सामानों को चुरा कर कबाडिय़ों को आसानी से बेच देते हैं। उनके इस कार्य में अंकुश न लगने पर ऐसा प्रतित होता है कि शायद पुलिस प्रशासन की अंदरूनी मौन सहमति मिली हुई है। यही कारण है कि पुलिस के नाक के नीचे कबाड़ी धड़ल्ले से काम को अंजाम देते हैं। एक अनुमान के मुताबिक तांबे के तार की कीमत लगभग 500 से 600 रूपए किलो होती है, चोर और शराबी प्रवृति के लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कोई क्षेत्रों से तांबे के तारों को उखाड़कर लाते हैं और आधी कीमत पर कबाडिय़ों को बेंच देते हैं।

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