मंढ़ीपखोल गुफा को देखने शिव भक्तो का लगा जनसैलाब , लाखों लोगों ने देखी रहस्यमयी गुफा ।
हितेश मानिकपुरी रायपुर छत्तीसगढ़ । अक्षय तृतीय के बाद आए पहले सोमवार को मंढीप खोल गुफा के द्वार खुले ।
सबसे पहले ठाकुरटोला राजपरिवार के राजपुरोहित लाल रोहित पुलस्त के द्वारा गुफा के द्वार ,श्वेत गंगा मैय्या एवं गुफा अंदर शिव लिंग की पुजा अर्चना शुबह 9 बजे की गई ।
उसके बाद बाहर से आये श्रद्धालुओं को गुफा अंदर जाने का प्रवेश के लिये अनुमति मिली ।
इस मौके पर प्रदेश सहित देशभर के करीब लाखों श्रद्धालुओं ने मौके पर पहुंच कर शिव के दर्शन किए । 16 बार नदी को पार कर इस गुफा के दर्शन करने के लिए लोगों में अच्छा खासा उत्साह भी देखा गया ।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव - नया जिला खैरागढ़ छुईखदान गंडई ठाकुरटोला से लगभग 13 किमी दूरी स्थित मंढ़ीपखोल गुफा कोरोना महामारी काल के बाद इस साल खुला ,मंढ़ीपखोल गुफा साल में एक बार सिर्फ अक्षय तृतीय के बाद आने वाले पहले सोमवार को खुलता है ।
*दर्शनार्थी देखते रहे गुफा की खूबसूरती ।*
ऐतिहासिक और प्राचीनतम गुफा को देखने पहुंचे . लोग बाहर निकलने के बाद आसपास के नैसर्गिक सुंदरता को देखने जुट गए। उड़ीसा से आये महेश जायसवाल ने बताया कि यहा स्थान काफी सुंदर है और गुफा के अंदर पत्थर हीरा ,मोती के समान चमकते है ।
जीराटोला के मनोज साहू ने बताया की मंढ़ीप खोल गुफा देखने के लिए रविवार देर शाम से आज शुबह 4 बजे भी सड़कों पर अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली।
आज दोपहर तक भी गुफा अंदर स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिये श्रद्धालुओं का लगा जनसैलाब, गुफा देर शाम तक खुली रहेगी ।
उसके बाद में एक साल बाद फिर अक्षय तृतीया के आने वाले सोमवार को 2023 में खुलेगी ।
ठाकुरटोला के राधामोहन वैष्णव ने बताया कि यह स्थान पवित्र है ।
मंढ़ीप खोल गुफा के विकास पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए ।
ताकी पर्यटन को बढ़ावा मिले ।
दूर दराज से आये श्रद्धालुओं के लिये ठाकुरटोला जमीदारी के राजपुरोहित और आसपास ग्रामीणों की सहयोग से प्रत्येक वर्ष भोजन भंडारा का आयोजन किया जाता है ।
*मंढ़ीप खोल गुफा प्रशासन की नजर से दूर ।*
इस गुफा की ख्याति अंचल से निकल कर देश प्रदेश के अन्य राज्यों तक फैल चुकी है
जिसका ही परिणाम है कि साल में एक बार खुलने वाली गुफा को देखने के लिये लाखों की संख्या में जन सैलाब उमड़ता है ।
बीते कोरोना काल से पहले 50 से 60 हजार लोग यहां आये थे ।
इस साल भी लगभग लाखों की संख्या में लोग पहुंचे ।
दुर्भाग्यजनक पहलु यह है कि इस क्षेत्र को विकासित करने की दिशा में प्रशासन जरा भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है ।
हालत यह है कि यहां तक पहंचने के लिए सड़क तक नहीं है ।
यहा आने वालों को उबड़ खाबड़ सड़क पर सफर करना पड़ता है ।
CNI NEWS छत्तीसगढ़ से हितेश मानिकपुरी की रिपोर्ट ।
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