अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
जांजगीर चांपा - चमत्कारी पारस पत्थर के लालच में आकर एक महिला सहित दस लोगों ने मिलकर एक बैगा की हत्या कर लाश को जंगल में दफना दिया। आरोपियों द्वारा अपराध में संलिप्तता स्वीकार करने तथा उनके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाये गये जाने पर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया , जहां से सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में जांजगीर पुलिस ने मामले की खुलासा करते हुये मीडिया टीम को बताया कि गत नौ जुलाई को प्रार्थियां रामवती यादव निवासी मुनुन्द ने थाना जांजगीर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक आठ जुलाई को इसका पति बैगा का काम करने के लिये किसी के बुलाने पर गये थे उसके बाद से घर नहीं आने एवं रात करीबन बारह बजे अज्ञात लोगों के द्वारा घर का दरवाजा खटखटाने पर दरवाजा खोलने पर आरोपियों द्वारा प्रार्थिया के हाथ एवं मुंह मे कपड़ा बांधकर घर के अंदर घुसकर घर में रखे नकदी रकम 23000 रूपये , दो नग सोना का फुल्ली , एक चांदी का पायल , दो जोड़ी चांदी की बिछिया को चोरी कर ले गये साथ ही घर के पूजा स्थान के पास सब्बल से खुदाई भी किये किंतु कुछ नहीं मिलने पर वापस चले गये। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर नौ जुलाई को थाना जांजगीर मे गुम इंसान तथा अपराध क्र 459/22 धारा 458, 457 ,380 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान मुखबीर की सूचना के आधार पर संदेही टेकचंद जायसवाल , राजेश हरवंश से पूछताछ की गई।
संदेहियों के द्वारा पुलिस को गुमराह किया जाता रहा किंतु तकनीकी टीम के द्वारा प्राप्त साक्ष्य , विवेचना क्रम में आये तथ्यों तथा गोपनीय सूचना के आधार पर इन दोनों आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ करने पर इनके द्वारा बताया गया कि बाबूलाल यादव के पास पारस पत्थर होने की जानकारी मिलने पर उससे पारस पत्थर प्राप्त करने के लिये अपने अन्य साथी रामनाथ श्रीवास , मनबोधन यादव , छवी प्रकाश , यासिन खान , खिलेश्वर पटेल , तेजराम पटेल , अंजू पटेल , सतीश केसकर एवं शांति कश्यप के साथ मिलकर योजना बनाकर बाबूलाल यादव को उसके घर से ईलाज के बहाने झाड़ फूक कराने के बहाने से उसे घर से बुलाकर अपने साथ खिसोरा पन्तोरा के कटरा के जंगल ले गये। जंगल में बाबूलाल यादव से पारसमणी पत्थर के बारे में पूछने पर उसके पास नहीं होना बताने पर बाबूलाल को जंगल मे बंधक बना लिये। मनबोधन अपने साथी छवीप्रकाश , यासिन शेख , खिलेश्वर राम पटेल , तेजराम पटेल , अंजू पटेल , सतीश केसकर के साथ मिलकर पारसमणी पत्थर को खोजने के लिये उसी रात करीबन बारह बजे बाबूलाल के घर ग्राम मुनुंद गये। जहॉ बाबूलाल की पत्नी श्रीमती रामवती यादव से घर का दरवाजा खुलवाकर उसके घर अंदर घुसकर उसके हाथ-मुंह को बांधकर पूरे घर में पारसमणी पत्थर की खोजबीन करने पर घर में नकदी रकम 23000 रूपये , एक जोडी चांदी की पायल , दो जोड़ी चांदी का बिछिया , दो नग नाक की फुल्ली मिलने पर उसे अपने साथ रख लिये।
घर के भगवान वाला कमरा तथा अन्य स्थान को खोदकर पारसमणी पत्तथर की तलाश किये पारस नहीं मिलने पर रकम एवं सोने चांदी के सामान चोरी कर भाग गये। बाबूलाल के घर से पारस नहीं मिलने पर दिनांक आठ जुलाई को ही रात को वापस कटरा जंगल मे आकर राजेश हरवंश , मनबोधन यादव , छवीप्रकाश जायसवाल , यासिन खान , खिलेश्वर राम पटेल , तेजराम पटेल एवं अंजीव पटेल सभी मिलकर बाबूलाल यादव से पारसमणी पत्थर नहीं देने पर गुस्से में आकर सभी आरोपियों द्वारा उसके साथ हाथ-मुक्का एवं लाठी-डण्डा से मारपीट कर बाबूलाल की हत्या कर शव को वहीं फेंक कर चले गये थे। दूसरे दिन दिनांक नौ जुलाई को बाबूलाल के शव को छिपाने के उद्देश्य से कटरा के जंगल मे गड्ढा खेादकर गाड़ दिया गया। प्रकरण मे विवेचना के दौरान आरोपी राजेश हरवंश के मेमोरण्डम कथन एवं उसकी निशानदेही के आधार पर मृतक बाबूलाल यादव के शव को कटरा के जंगल से कार्यपालिक दण्डाधिकारी की उपस्थिति में विधिवत् उत्खनन कर बाहर निकालकर मृतक बाबूलाल यादव के शव का पंचनामा कार्यवाही किया गया। संदेहियों को हिरासत में लेकर आरोपियों के कब्जे से प्रार्थिया के घर से चुराये हुुये नकदी रकम 9000रूपये , एक जोड़ी चांदी का पायल , एक जोड़ी बिछिया एवं मृतक बाबूलाल को मारपीट करने के दौरान उपयोग हुआ लाठी डंडा तथा मृतक के शव को खेादकर गाड़ने के लिये उपयोग किये हुये फावड़ा , कुदारी , सब्बल , घटना में प्रयुक्त 03 मोटर सायकल , मृतक बाबूलाल का थैला , मोबाइल एवं अन्य सामान जिसको आरोपियों ने लेवई के जंगल मे जला दिये थे जिसके अधजले अवशेष को भी लेवई जंगल से बरामद किया गया है।
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