डोंगरगढ़ ब्लॉक धर्म नगरी के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां अनेक धर्मावलंबियों के तीर्थ स्थल मौजूद है जिसमें से एक प्रज्ञागिरी बौद्ध तीर्थ स्थल है जिस का संचालन प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति के द्वारा किया जाता है यह समिति लगभग 15 साल पहले गठित की गई थी जिसके बाद से निरंतर आज तक चल रही है इस समिति के द्वारा प्रज्ञा गिरी बौद्ध तीर्थ स्थल में 6 फरवरी के दिन विशाल अंतरराष्ट्रीय बौद्ध धम्म सम्मेलन कराया जाता है। जिसकी शुरुआत 6 फरवरी 1998 को भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित कर की गई थी। जिसमें देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में बौद्ध धम्मगुरू एवं उपासक उपासिकाये उपस्थित हुए थे , जिसके बाद से ही लगातार हर वर्ष 6 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध धम्म सम्मेलन दिवस मनाया जाता है जिसमें विभिन्न देशों के जैसे जापान, थाईलैंड, तिब्बत, नेपाल वियतनाम, कंबोडिया, जैसे बुद्धिस्ट देशों से भी पर्यटक यहाँ आते हैं समिति के सचिव शैलेंद्र डोंगरे ने बताया कि प्रज्ञागिरी बौद्ध तीर्थ में दिनोंदिन पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है यहां छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं उनके यहां आने से शांति का अनुभव होता है क्योंकि विश्व शांति के अग्रदूत सम्यक सम्बुद्ध की 30 फीट ऊंची मूर्ति यहां स्थापित है जो पर्यटको को मनमोहित करती हैं एवं यही बौद्ध धम्म का प्रचार प्रसार का केंद्र है यहाँ का वातावरण इतना सुंदर और मनोरम है की ऐसा लगता है की मानो प्रकृति व भगवान बुद्ध एक दूसरे को निहार रहे हो, बुद्ध की विशाल प्रतिमा पहाड़ी के ऊपर स्थित है जहां चारों ओर हरे भरे पेड़ पौधे लगे हैं यहाँ आसपास का वातावरण शुद्ध व शांत है जिससे पर्यटको को आनन्द की अनुभूति होती है इसीलिए बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं यह भगवान बुद्ध का स्थल है जहां चारों तरफ शांति ही शांति व सुंदरमय वातावरण है जिससे पर्यटको में काफी पॉजिटिविटी बनी रहती है बुद्ध का भी यही संदेश है कि व्यक्ति अपने जीवन में सदा खुश रहे एवं सकारात्मक चीजों को ग्रहण करें जिससे उनके अंदर नकारात्मक चीजें कभी उत्पन्न न हो ,
विभिन्न राज्यो से आते है पयर्टक
प्रज्ञागिरी बौद्ध तीर्थ स्थल में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं जिनमें पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश, बिहार , झारखंड गुजरात, राजस्थान, सहित पूर्वोत्तर राज्यों से एवं दक्षिण राज्यों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं
प्रसाद योजना के अंतर्गत हो रहा तेजी से नवनिर्माण का कार्य केंद्र सरकार की बहुचर्चित योजना प्रसाद योजना के अंतर्गत एवम प्रज्ञागिरी ट्रस्ट के सहयोग से डोंगरगढ़ के प्रज्ञा गिरी बौद्ध तीर्थ में विभिन्न निर्माण के कार्य प्रगति में है जिसमें कैफेटेरिया हाल, मेडिटेशन सेंटर, पार्किंग व गार्ड रूम, वाटर कूलर ,वाटर टैंक, सीढ़ियों का जीर्णोद्धार व रेलिंग, स्टोन साइन सेनीटेशन फिटिंग, सोलर लाइट ,सीसी टीवी फायर, फाइटिंग अलार्म और ट्रांसफार्मर सहित अन्य काम चालू है जिनका कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा जिसके बाद पर्यटको को घूमने के लिए एवं रहने के लिए भी ऊपर एवं नीचे में सुविधा हो जाएगी जिससे आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी ,
पर्यटकों के लिए अनुकूल वातावरण
प्रज्ञा गिरी तीर्थ स्थल पर्यटकों के लिए बहुत चर्चित स्थलों में से एक है क्योंकि यह प्रज्ञा गिरी पहाड़ी पर स्थित 500 फीट की ऊंची काली-काली चट्टानों के मध्य 22 फीट ऊंचे चबूतरे पर निर्मित 30 फीट विशालकाय भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा ध्यान मुद्रा में स्थापित की गई है इतनी ऊंची पहाड़ी पर स्थित प्रतिमा संपूर्ण भारत में अपनी एक अलग पहचान रखती है जो प्राकृतिक छटावो से परिपूर्ण काली चट्टानों के बीच सौम्य मुद्रा में इस तरह दिखाई पड़ती है मानो तथागत भगवान गौतम बुद्ध स्वयं ही साक्षात अवतरित होकर विश्व बंधुत्व का संदेश जन-जन तक पहुंचा रहे हो , यहाँ आसपास अनेक पेड़ पौधे है जो एक अनुकूल वातावरण बनाते हैं जिससे पर्यटको को प्रज्ञागिरी तीर्थ जाने से अद्भुत आनंद की प्राप्ति होती है जिससे मन और चित दोनों शांत हो जाते हैं और सभी तरफ शांति का वातावरण सा बन जाता है इसलिए पर्यटकों की पहली पसंद प्रज्ञागिरी तीर्थ स्थल बनती जा रही है
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