किसान विरोधी कृषि नीति के कारण प्रदेश में खाद बीज का संकट - नवीन अग्रवाल*छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के बैनर तले अनुविभागीय अधिकारी डोंगरगढ़ को सौंपा गया ज्ञापन
महेन्द्र शर्मा बंटी छत्तीसगढ़ रिपोटर डोंगरगढ़ -जिले में खाद की समस्या को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य की एकमात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय राजनीतिक दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश कोर कमेटी सदस्य व प्रदेश महासचिव नवीन अग्रवाल के नेतृत्व में अलकेश उजवने,झनक लाल साहू,धनेश कुमार साहू,देवेंद्र कुमार,सारंग उजवनें,अर्जुन यादव,सुरेन्द्र वर्मा ने आज अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपा है । वही नवीन अग्रवाल ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी कृषि नीति के कारण प्रदेश में खाद और बीज की कमी हुई है, जिसका खामियाजा छत्तीसगढ़ के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा पूरे प्रदेश में खाद और बीज की भीषण कमी व्याप्त है।सहकारी सोसाइटियों में खाद उपलब्ध ही नहीं है।वही बाजार में खाद तीन गुना अधिक कीमत पर मिल रही है।किसानों को 1200 रुपए का डीएपी लगभग 2000 रुपये में खरीदना पड़ रहा है। खाद के लिये किसान घंटों सोसाइटी में लाइन में खड़े हो रहे हैं वहीँ मुनाफाखोर चांदी काट रहे हैं। सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य सरकार गुणवत्ताहीन वर्मी कंपोस्ट खाद लेने के लिए मजबूर कर रही है। वर्मी कंपोस्ट के नाम पर किसानों को मिट्टी, कंकड़, पत्थर, पॉलिथीन आदि अमानक मिला हुआ खाद दिया जा रहा है, ऐसे में किसानों की फसल पर असर पड़ रहा है। खरीफ सीजन में किसान खेतों में खेती के लिए समय न देकर खाद के लिए समितियों के चक्कर लगा रहे हैं, हताश होकर दर दर भटक रहे हैं ।
नवीन अग्रवाल ने कहा है कि खरीफ सीजन के पहले खाद के संकट के साथ साथ, किसानों को अघोषित बिजली कटौती की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ के किसानों के हिस्से की बिजली को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अन्य राज्यों को दे रही है जो प्रदेश के किसानों के साथ सरासर अन्याय और कृषि समस्याओं को लेकर राज्य सरकार की असंवेदनशीलता का परिचायक है। वही
नवीन अग्रवाल ने कहा की धान का कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य, कृषि बाहुल्य राज्य है और ऐसे में राज्य के अन्नदाता का ही त्रासदी में होना, राज्य सरकार की विफलता और कुप्रबंधन का साक्ष्य है। इस हेतु जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), किसानों को राहत देना चाहिए
१) सहकारी समितियों में तत्काल खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये ।
२) किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद लेने की अनिवार्यता को खत्म किया जाए।
३) रासायनिक खाद की आपूर्ति में कमी को देखते हुए यूरिया, डीएपी तथा पोटाश की बिक्री को खुले बाजार में प्रतिबंधित किया जाए। इन तीनों प्रकार के खाद को सिर्फ सहकारी समितियों के माध्यम से सभी किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर दिया जाए।
४) खेती-किसानी के लिए बिजली आपूर्ति को अतिआवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा जाए और चौबीस घंटे बिजली सुनिश्चित की जाए।
उपरोक्त मांगें पूरी नहीं होने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) प्रदेश भर में आंदोलन करने विवश होगी।
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