गौठानो में लाखों रुपये खर्च, फिर भी मवेशी एक भी नही
इमरान खान बिलासपुर
बिलासपुर (कंचनपुर) -----बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी गौठान योजना का हाल बेहाल है. ज्यादातर गौठानो की उपयोगिता और गुणवत्ता दोनो शून्य है. कोटा ब्लॉक के आदर्श गौठान ही जब बदहाल हो चुका है तो फिर अन्य पंचायतों में बने गौठानो की बात क्या करे. सरकार ने अपने इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत गांव गांव में गौठान का निर्माण अच्छे मानसिकता से किया
ताकि गांव के मवेशियों को एक ही स्थान पर सुरक्षित रखा जा सके उन्हें चारा उपलब्ध कराया जा सके और उनका देख भाल भी हो. इसके लिए करोडो रूपये गौठान निर्माण के नाम पर खर्च किये गये. कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत खैरा,मोहदा, बारीडीह, कंचनपुर,दारसागर ,बानाबेल में गौठान बनाये गये लेकिन गौठान बनाने का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो सका निर्माण एजेंसियो एवं जिम्मेदार अधिकारियो ने शासन की इस महत्वाकांक्षी योजनाओं को अपने पाकेट भरने की योजना बनाकर रख दिया.अधिकतर गौठान तो खाली है लाखों खर्च कर गौठान तो बना दिये गये है लेकिन बनाये गये गौठानों में एक भी मवेशी दिखाई नही देता.
पंचायत प्रतिनिधि भी इस दिशा में ध्यान नही देते कि अपने गाँव क्षेत्र में बनाये गये गौठानों में गाँव क्षेत्र के मवेशियों को ले जाकर रखा जाये जहाँ उन्हे चारा पानी मिल सके लापरवाही के कारण ही लाखों खर्च करने के बाद भी गाँव के गौठान सूने पडे है सिर्फ गोठान का बोर्ड लगा हुआ है और अंदर एक भी मवेशी नही दिखाई देते. साथ ही दारसागर बारीडीह, मोहदा के गौठान में मवेशियों के पीने के लिए बनाये गए पानी टँकी भी जर्जर हो चुका हैं जो सही है उसमें बारिश का पानी भरा है जिसमें मेंढक व काई लग चुका है यही कारण है कि न तो गौठान निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल रखा गया और न ही स्थलचयन का गांव के ग्रामीण अब ऐसे गौठानो में अपने पशुओं को नही लाते. फिर ब्लॉक में इस योजना के नाम पर खुद की पीठ थप्प थपाने के सिवाये कोई बड़ा कारण नहीं नजर आता.
मुख्यमंत्री के आने की चर्चा, गौठान चकाचक
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा के कंचनपुर में आदर्श गौठान में मुख्यमंत्री के आने की चर्चा अधिकारियों द्वारा की जा रही हैं इसको देखते हुये गौठान को पूरी तरह से तैयार किया गया है लेकिन बाकी गौठान की हालत खराब हैं गौठानो की हालत देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पैसों का कैसे बंदरबाट हुआ होगा.
दिखावे का गौठान
जब भी कोई अधिकारी या नेता गौठान देखने आता है तो उनके आने से पहले गौठान को तैयार किया जाता है मवेशी लाकर बांधे जाते है और कुछ ग्रामीणों को भी वहाँ उपस्थित रखा जाता है ताकि सब कुछ देखने वालों को बेहतर नजर आय और कार्यक्रम के बाद फिर से गौठान अपनी पुरानी रंगत में लौट जाता है.कुल मिलाकर गौठान सिर्फ दिखावे के गौठान बन कर रह गये है l
यातायात का रोका-छेंका कर रहे मवेशी
सरकार द्वारा नरवा, घुरवा, गरवा अऊ बारी योजना चलाया जा रहा है, जिसमें भारी भरकम निवेश किया जा रहा है, लेकिन इस योजना को मैदानी स्तर पर आमजन पलीता लगाने से नहीं चूक रहे हैं बारीडीह, कंचनपुर, बानाबेल गांव की गलियों से नेशनल हाइवे तक मवेशियों का कब्जा है और इसके लिए बनाए गए गौठान का कहीं औचित्य नजर नहीं आ रहा है. सरकार द्वारा मवेशियों को खेतों तक पहुंचने से रोकने रोका-छेंका अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन मवेशियों को देखकर यह योजना भी कारगर होते नजर नहीं आ रही.
हरिओम द्विवेदी सीईओ जनपद पंचायत कोटा ---- अभी मवेशियों बाहर घूम रहे हैं बरसात शुरू होते ही मवेशियों मालिकों के द्वारा पकड़ कर लाया जायेगा ,जिस गौठान में पानी टंकी जर्जर हैं उसे देखवाता हूँ उसमे सुधार किया जायेगा l
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