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Saturday, August 6, 2022

वैदिक पंचांग - दिनांक - 06 अगस्त 2022

 


*🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ll🌞* 

🌤️  *दिनांक - 06 अगस्त 2022*

🌤️ *दिन - शनिवार*

🌤️ *विक्रम संवत - 2079*

🌤️ *शक संवत -1944*

🌤️ *अयन - दक्षिणायन*

🌤️ *ऋतु - वर्षा ऋतु* 

🌤️ *मास -श्रावण*

🌤️ *पक्ष - शुक्ल* 

🌤️ *तिथि - नवमी 07 अगस्त  रात्रि 02:11तक तत्पश्चात दशमी*

🌤️ *नक्षत्र - विशाखा शाम 05:52 तक तत्पश्चात अनुराधा*

🌤️ *योग - शुक्ल दोपहर 12:42 तक तत्पश्चात ब्रह्म*

🌤️  *राहुकाल - सुबह 09:29 से सुबह 11:07 तक*

🌞 *सूर्योदय - 05:21*

🌦️ *सूर्यास्त - 06:19*

👉  *दिशाशूल - पूर्व  दिशा में*




🌷 *वैदिक रक्षा-सूत्र ( रक्षाबंधन)* 🌷

🙏🏻 *वैदिक रक्षाबंधन - प्रतिवर्ष श्रावणी-पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्यौहार होता है, इस बार 11 अगस्त 2022 गुरुवार के दिन (राखी बांधने का शुभ मुहूर्त - सुबह 06:12 से सुबह 07:50 तक एवं रात्रि 08:52 से रात्रि 09:59 तक) है । इस दिन बहनें अपने भाई को रक्षा-सूत्र बांधती हैं । यह रक्षा सूत्र यदि वैदिक रीति से बनाई जाए तो शास्त्रों में उसका बड़ा महत्व है ।*


🌷 *वैदिक रक्षा सूत्र बनाने की विधि* 🌷

🙏🏻  *इसके लिए ५ वस्तुओं की आवश्यकता होती है -*

*(१) दूर्वा (घास) (२) अक्षत (चावल) (३) केसर (४) चन्दन (५) सरसों के दाने ।*

🙏🏻  *इन ५ वस्तुओं को रेशम के कपड़े में लेकर उसे बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावा में पिरो दें, इस प्रकार वैदिक राखी तैयार हो जाएगी ।*

🌷 *इन पांच वस्तुओं का महत्त्व* 🌷

➡ *(१) दूर्वा - जिस प्रकार दूर्वा का एक अंकुर बो देने पर तेज़ी से फैलता है और हज़ारों की संख्या में उग जाता है, उसी प्रकार मेरे भाई का वंश और उसमे सदगुणों का विकास तेज़ी से हो । सदाचार, मन की पवित्रता तीव्रता से बढ़ता जाए । दूर्वा गणेश जी को प्रिय है अर्थात हम जिसे राखी बाँध रहे हैं, उनके जीवन में विघ्नों का नाश हो जाए ।*

➡ *(२) अक्षत - हमारी गुरुदेव के प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहे ।*

➡ *(३) केसर - केसर की प्रकृति तेज़ होती है अर्थात हम जिसे राखी बाँध रहे हैं, वह तेजस्वी हो । उनके जीवन में आध्यात्मिकता का तेज, भक्ति का तेज कभी कम ना हो ।*

➡ *(४) चन्दन - चन्दन की प्रकृति तेज होती है और यह सुगंध देता है । उसी प्रकार उनके जीवन में शीतलता बनी रहे, कभी मानसिक तनाव ना हो । साथ ही उनके जीवन में परोपकार, सदाचार और संयम की सुगंध फैलती रहे ।*

➡ *(५) सरसों के दाने - सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है अर्थात इससे यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें ।*

🙏🏻 *इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम गुरुदेव के श्री-चित्र पर अर्पित करें । फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधे ।*

🙏🏻 *महाभारत में यह रक्षा सूत्र माता कुंती ने अपने पोते अभिमन्यु को बाँधी थी । जब तक यह धागा अभिमन्यु के हाथ में था तब तक उसकी रक्षा हुई, धागा टूटने पर अभिमन्यु की मृत्यु हुई ।*

🙏🏻 *इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमानुसार बांधते हैं हम पुत्र-पौत्र एवं बंधुजनों सहित वर्ष भर सुखी रहते हैं ।*

🌷 *रक्षा सूत्र बांधते समय ये श्लोक बोलें* 🌷

 *येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः ।*

*तेन त्वाम रक्ष बध्नामि, रक्षे माचल माचल: ।*


          🌞 ~ *पंचांग* ~ 🌞


🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻

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