*🌞 ll~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞*
🌤️ *दिनांक - 25 अगस्त 2022*
🌤️ *दिन - गुरुवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - भाद्रपद*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - त्रयोदशी सुबह 10:37 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
🌤️ *नक्षत्र - पुष्य शाम 04:16 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
🌤️ *योग - वरीयान् 26 अगस्त रात्रि 01:57 तक तत्पश्चात परिघ*
🌤️ *राहुकाल - दोपहर 02:16 से शाम 03:51 तक*
🌞 *सूर्योदय - 05:21*
🌦️ *सूर्यास्त - 06:18*
👉 *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से शाम 04:16 तक)*
🔥 *विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *गुरुपुष्यामृत योग* 🌷
➡️ *25 अगस्त 2022 गुरुवार को सूर्योदय से शाम 04:16 तक गुरुपुष्यामृत योग है।*
🙏🏻 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
🙏🏻 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)*
🌷 *नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए* 🌷
➡ *26 अगस्त 2022 शुक्रवार को पीठोरी - दर्श अमावस्या एवं 27 अगस्त, शनिवार को कुशग्राहिणी अमावस्या है ।*
🏡 *घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
🌷 *धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए* 🌷
🔥 *हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।*
🍛 *सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।*
🔥 *विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।*
🔥 *आहुति मंत्र* 🔥
🌷 *१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
🌷 *२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
🌷 *३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
🌷 *४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
🌷 *५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*
🌞 *~ पंचांग ~* 🌞
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.