भागवत सार और सुदामा चरित्र के साथ पं.धर्मवीर जी ने दिव्य भागवत कथा को दिया विराम
*सी एन आई न्यूज़ के लिए पुरुषोत्तम जोशी*
रायपुर -मारूती मंगलम, श्री हनुमान मंदिर गुढ़ियारी रायपुर में जोशी परिवार द्वारा आयोजित 29 अगस्त से कथा का वाचन श्रृद्धेय पंडित धर्मवीर जी ब्रजवासी के श्रीमुख से कथा का आज विराम दिवस तक श्रृद्धालुओं ने श्रवण किया
, आज कथा के विराम दिवस पर, श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती,
भागवत भगवान की इस आरती से आज विराम दिवस की कथा की शुरुआत हुई।
कथा वाचक पंडित धर्मवीर जी ने भागवत सार और सुदामा चरित्र सहित विभिन्न प्रसंगों का मार्मिक वर्णन करके श्रृद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
श्रीकृष्ण एक आदर्श व्यक्तित्व के साथ ही एक आदर्श मित्र भी हैं,वे अपने भक्तों और सखाओं के मन की बात बिना बताए ही जान लेते हैं।
श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता समाज के लिए एक आदर्श मिसाल है।
पंडित धर्मवीर जी ने बताया कि कलयुग के इस चरण में कथा पुराण के श्रवण मात्र से इंसान परमधाम को प्राप्त करता है। दुनिया को मनाने से अच्छा है गोविंद को मनाना। कृष्ण नाम का धन मौत भी नहीं छीन पाती।
मनुष्य को चार चीजें नही छोड़नी चाहिए धैर्य, धर्म, पत्नी और मित्र । सुदामा जी के पास यह चारों चीजें थीं।
भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पित्तरों की शांति के लिए हर किसी को कराना चाहिए।
आयोजन में जोशी परिवार के सभी सदस्यों सहित अतिथियों एवं समाज के एवं स्थानीय भक्त शामिल हुए।
संत श्री ने भागवत कथा श्रवण करने वाले सभी भक्तों को आशीष दिया।
एवं जोशी परिवार ने सभी का आभार प्रकट किया।
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