बालाघाट। जिले के लामता थाना अंतर्गत ग्राम भालेवाड़ा के समीप पुलिस ने एक संदिग्ध स्थिति मेंं युवक का शव बरामद किया है, आवश्यक कार्यवाही कर मामले की जांच में जुटी लामता पुलिस।
मामले के संबंध मेें मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार को मगनटोला के रोड़ किनारे खून से लथपथ मृतक युवक आदित्य पिता सुनील उइके उम्र लगभग 22 वर्ष का शव ग्रामीणों ने देखा और इसकी सुचना सरपंच को दी गई, जिसपर सरपंच के द्वारा लामता पुलिस को सूचना दिया गया।
वहीं मामले की सुचना लामता थाना प्रभारी अरुण मर्सकोले को मिलते ही अपने बल के साथ घटना स्थल पहुँचकर ग्रामीणों से सघन पूछताछ कर स्थल पंचनामा तैयार कर शव को लामता मर्चुरी लाया गया, मौत का कारण अज्ञात बताया जा रहा है शव परीक्षण के बाद ही मौत का कारण बताया जा सकता है।
बालाघाट जिले से आनंद रनगिरे की रिपोर्ट
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गुरु सियाग सिद्धयोग : निःशुल्क
"गुरु सियाग सिद्धयोग" के सभी साधक ध्यान के साथ साथ एक मन्त्र का जाप करते है जिसे गुरुदेव ने संजीवनी मंत्र कहा है।
संजीवनी मंत्र की यह विशेषता है की यदि कोई मनुष्य किसी रोग पीड़ित है या काल ग्रसित होने वाला है उसके कान में यदि गुरुदेव की आवाज में संजीवनी मंत्र सुना दे और वो उसी समय उसका जाप आरम्भ कर दे तो वह उस रोग या कष्ट से नही मर सकता।
यह कैसे संभव है ?
इसका उत्तर है की यह मानवीय काया वास्तव में प्रकाश और उसके स्पंदनो से बनी है। ये स्पंदन मानवीय काया में उपस्थित सप्त चक्रों द्वारा नियंत्रित किये जाते है। जब किसी चक्र के प्रकाश- स्पंदन कम हो जाते है तो उस चक्र से सम्बंधित रोग या कष्ट से मनुष्य पीड़ित हो जाता है। जब सिद्धयोग का साधक संजीवनी महामंत्र का जाप और ध्यान करता है तो मूलाधार में प्राण- प्रवाह सक्रिय हो जाता है । मूलाधार इस शरीर रूपी यंत्र का मेन स्विच है जब यहाँ बिजली पहुचती है तो ऊपर के सभी चक्र अपने आप प्रकाशित हो जाते है और स्पंदित होने लगते है।
जिस चक्र के स्पंदन कम होते है वो इस अतिरिक्त प्राण ऊर्जा को प्राप्त कर पुनः पूर्ववत स्पंदित होने लगते है और रोग मिट जाता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो संजीवनी मन्त्र का जाप शरीर के रुधिर में उपस्थित कार्बन को समाप्त कर उसे आक्सीजन से भर देता है। ये अतिरिक्त आक्सीजन के अणु सीधे ही प्राण धारा में रूपांतरित हो जाते है जो सुषुम्ना नाडी में स्थित सभी चक्रों में ऊर्जा का संचार कर देते है।
शिराओ में प्रवाहित अशुद्ध रक्त का संचय रुक जाने से ऊतक नही मरते अर्थात उनका ह्रास नही होता । जब ऊतक या टिश्यू का ह्रास नही होगा तो रोग नही हो सकता।
ये जो कुछ भी परिवर्तन आपके शरीर में हो रहा है ये पूरी तरह से वैज्ञानिक- क्रियात्मक परिवर्तन है इसमें चमत्कार जैसा कुछ भी नही है।
अध्यात्म विज्ञान सत्संग केंद्र जोधपुर राजस्थान
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सी एन आई न्यूज़ जिला ब्यूरो● छोटू यादव रायपुर जिला ब्यूरो●मीनू साहूबालोद जिला ब्यूरो●सुखबली खरेमुंगेली जिला ब्यूरो●अमन शाहबस्तर जिला ब्यूरो ● मोहोम्मद अज़हर हनफ़ीभाटापारा रिपोर्टर●हितेश मानिकपुरी प्रमोटर/रिपोर्टर सी.जी. ●पंकज शर्माक्राइम रिपोर्टर सी.जी.● मुख्य कार्यालय संपर्क नंबर- 0883-9215630● मेल : contact@centralnews-india.com● वेब : www.centralnews-india.com● गूगल प्लेस्टोर : Central News India में सर्च करें और अपने मोबाइल में इंसटाल करे एवं सब्सक्राइब करें
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