अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली - राष्ट्रीय राजधानी का ऐतिहासिक राजपथ अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जायेगा। बताते चलें नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से मिले एक प्रस्ताव को पारित कर ‘‘राजपथ’’ का नाम बदलकर ‘‘कर्तव्य पथ’’ कर दिया। अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरे इलाके को ‘‘कर्तव्य पथ’’ कहा जायेगा। पीएम नरेंद्र मोदी आज नवीनीकृत ‘कर्तव्य पथ’ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इसकी घोषणा करते हुये कहा कि वह इस ‘अमृतकाल’ में अपनी मातृभूमि की सेवा करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी। उन्होंने कहा कि राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करना एक अनुस्मारक है। लोकसभा सांसद ने ट्वीट किया जिसका प्रतीक ‘शासन करने का अधिकार’ नहीं बल्कि ‘सेवा करने का कर्तव्य’ है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार राजपथ को कर्तव्य पथ नाम देना सत्ता के प्रतीक को हटाकर सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तिकरण का नाम देकर एक उदाहरण पेश करना है। कर्तव्य पथ में सुंदर परिदृश्य , वॉकवे के साथ लॉन , अतिरिक्त हरे भरे स्थान , नवीनीकृत नहरें , नयै सुविधाजनक ब्लॉक , बेहतर साइनेज और वेंडिंग कियोस्क होंगे। इसके अलावा पैदल यात्रियों के लिये नये अंडरपास , बेहतर पार्किंग , नये प्रदर्शनी पैनल और रात के लिये बेहतरीन स्ट्रीट लाइट्स समेत कई अन्य विशेषतायें हैं जो कर्तव्य पथ की शान को और सुंदरता को और बढ़ायेंगे। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन , जल प्रबंधन , उपयोग किये गये पानी की रिसाइकिलिंग , वर्षा जल स्टोरिंग और जल संरक्षण जैसी कई सुविधायें भी शामिल हैं। पीएमओ ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि राजपथ और आसपास के क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालय , पीने के पानी , स्ट्रीट फर्नीचर और पर्याप्त पार्किंग की जगह जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। इसके अलावा अपर्याप्त साइनेज , पानी की सुविधाओं का खराब रखरखाव और बेतरतीब पार्किंग थी। यही नहीं गणतंत्र दिवस परेड एवं अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए न्यूनतम प्रतिबंधों की आवश्यकता महसूस की गई। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुये इस क्षेत्र का पुनर्विकास किया गया है।बुधवार को बयान जारी करते हुये प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, "प्रधानमंत्री इस अवसर पर इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे।ग्रेनाइट से बनी 28 फीट ऊंची यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिये एक उचित श्रद्धांजलि है और देश के प्रति उनके ऋणी होने का प्रतीक होगी। नेताजी की प्रतिमा बनाने वाले मुख्य मूर्तिकार अरुण योगीराज हैं। इस प्रतिमा को एक अखंड ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है और इसका वजन 65 मीट्रिक टन है। ये कदम अमृत काल में नये भारत के लिये प्रधानमंत्री के दूसरे पंच प्राण- औपनिवेशिक मानसिकता के निशान को हटाना" के अनुरुप है। वर्षों से, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के राजपथ और आसपास के क्षेत्रों में आगंतुकों के बढ़ते यातायात का दबाव देखा जा रहा था, जिससे इसके बुनियादी ढांचे पर दबाव भी पड़ा है।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.