शिशु मंदिर लाटाबोड़ में हवन पूजा के साथ गणपति जी का हुआ विसर्जन
सीएनआई न्यूज़ बालोद से उत्तम साहू बालोद।सरस्वती शिशु मंदिर माध्यमिक शाला लाटाबोड़ में गणपति जी की यज्ञ हवन पूजा कर आज पूर्णिमा की तिथि में विसर्जन किया गया जिसमें सभी बच्चे बढ़ चढ़कर भाग लिए एवं गणपति जी को विदा कर अपनी मनोकामना सिद्ध हो इस भाव के साथ आशीर्वाद मांगा ।शाला परिवार के सभी आचार्य एवं दीदी का सहयोग इस उत्सव में रहा जिसकी जानकारी प्रधानाचार्य प्रकाश तिवारी जी ने प्रदान की।
वहीं इस कार्य के यज्ञाचार्य पुरोहित पंडित दानेश्वर प्रसाद मिश्रा ने बताया कि गणपति का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है गणेश विसर्जन पर बप्पा की विदाई का दृश्य बड़ा मनोरम होता है। गणपति को विदा करने के लिए उनके भक्त भक्ति रस में सराबोर होकर नाचते, गाते और झूमते हैं. श्री गणेश जी को विदाई देते वक्त सच्चे मन से मांगी गई मुराद हर हाल पूरी होती है।
गणेश विसर्जन की महिमा - भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेशोत्सव की शुरुआत होती है। भगवान गणेश की उपासना चतुर्दशी तिथि तक होती है. श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना चतुर्थी तिथि को की जाती है और विसर्जन चतुर्दशी को किया जाता है। ये नौ दिन गणेश नवरात्रि कहे जाते हैं।ऐसी मान्यता है कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान पुनः कैलाश पर्वत पर पहुंच जाते हैं। इस दिन अनंत शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं, इसीलिए इसे अनंत चतुर्दशी कहते हैं।इस दिन कुछ विशेष उपाय करके जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
जिस तरह पूरे विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की स्थापना की जाती है, ठीक उसी तरह पूरे विधि-विधान से उनका विसर्जन भी किया जाता है. इस दौरान भगवान से अगले वर्ष आने की कामना भी करते हैं।
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