रिपोर्टर बैजनाथ पटेल बेलगहना (कोंचरा )
सरपंच चुनाव लड़ने वाला नहीं बन सकेगा अध्यक्ष पंचायतों में पेसा एक्ट लागू, काम से पहले ग्राम सभा की अनुमति जरूरी
बेलगहना... ग्राम पंचायत कोंचरा में पेसा एक्ट के तहत अध्यक्ष राजेंद्र सिंह मरकाम को एवं आश्रित ग्राम जरगा में बोधि राम पेंन्द्रो को सर्वसम्मति से चुना गया अनुसूचित जनजाति बाहुल्य कोटा ब्लॉक के 85 पंचायतों में सीधे कोई भी काम सरपंच नहीं करा सकेंगे। अब यहां ग्राम सभा में प्रस्ताव की मंजूरी के बाद ही काम हो सकेंगे, क्योंकि इन पंचायतों में पेसा कानून लागू हो चुका है। इन पंचायतों में 50 या 50 प्रतिशत से अधिक की आबादी अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की है। भारत सरकार ने 24 दिसंबर 1996 को कानून बनाया। फिलहाल छत्तीसगढ़ प्रदेश के बिलासपुर जिला में लागू हुआ है
छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे अधिसूचित किया है। अब तक सरपंच और सचिव ग्राम सभा में अनुमोदन कराकर काम करा लेते थे। कई अधिकार सरपंच को भी थे लेकिन इस कानून के लागू होने के बाद ग्राम सभा ही सर्वे-सर्वा होगी। ग्राम सभा में पंचायत के कुल मतदाता ग्राम सभा का अध्यक्ष चुनेंगे।
**पेसा एक्ट के तहत अध्यक्ष**
ग्राम सभा का अध्यक्ष ग्राम सभा में लिए गए निर्णय पर अपनी मुहर लगाएगा। पंचायत के किसी भी पद पर चुनाव लड़ चुका कोई भी व्यक्ति ग्राम सभा का अध्यक्ष नहीं बन सकेगा फिर चाहे वह विजयी हुआ हो या फिर उसकी पराजय हुई हो। ग्राम सभा के लोग ही यह तय करेंगे कि किसे अध्यक्ष बनाया जाए और किसे नहीं। ग्राम सभा के अध्यक्ष में एक साल का कार्यकाल पुरुष का जबकि एक साल महिला का होगा। ग्राम सभा का अध्यक्ष भी अनुसूचित जनजाति वर्ग का होगा।
**अध्यक्ष भी अविश्वास प्रस्ताव के दायरे में**
ग्राम सभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा। ग्राम सभा अध्यक्ष का कार्यकाल छह माह का होने पर 50 फीसदी बहुमत पर यह अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा। ग्राम सभा अध्यक्ष दो समितियों का जिम्मेदार रहेगा। पहली समिति संसाधन, योजना व प्रबंधन की रहेगी जो ग्राम सभा के समान ही काम करेगी। दूसरी समिति में लघु योजना, गौण खनिज, सार्वजनिक संपत्ति के आय-व्यय से संबंधित होगी।
शराब पीने, बनाने और बेचने के निर्णय का रहेगा अधिकार, सभी कामों की होगी मानिटरिंग
1. बेजा कब्जा की शिकायत तहसीलदार से कर कार्रवाई कराएंगे और जमीन वापस दिलाएंगे। 2. गौण खनिज का लाइसेंस ग्राम सभा देगी। 3. प्राकृतिक संसाधन जल,जंगल,जमीन संरक्षण,संवर्धन और पर्यवेक्षण पर काम। 4. शराब पीना, बनाना और बेचने पर निर्णय । 5.गांव के विकास के लिए श्रम दान कराना। 6. पंचायतों में होने वाले 29 विभागों के कामों की मानिटरिंग करना।
शासन के आदेश का पालन करेंगे
पेसा कानून लागू हो चुका है। एक्ट के संबंध में शासन का जो आदेश आएगा उसका पालन किया जाएगा। कोटा ब्लॉक के 85 पंचायतों में इसे लागू किया गया है।
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