अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली - जिन इक्कीस द्वीपों को आज नया नाम मिला है , उनके इस नामकरण में भी गंभीर संदेश छिपे हैं। ये संदेश एक भारत - श्रेष्ठ भारत का संदेश , देश के लिये दिये गये बलिदान की अमरता का संदेश और भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और पराक्रम का संदेश है। यह संदेश हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी का है।अंडमान की ये धरती वो भूमि है , जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी। आने वाली पीढ़ियों के लिये ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे। आज इन द्वीपों के नामकरण से उनका संकल्प सदा के लिये अमर हो गया है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित स्मारक के एक मॉडल का उद्घाटन करते हुये कही। इस दौरान उन्होंने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और अंडमान-निकोबार के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करते हुये कहा कि देश की आजादी के इतने बड़े नायक को भुला देने की कोशिश की गई। पीएम ने कहा जिन नेताजी सुभाषचंद्र बोस को आजादी के बाद भुला देने की कोशिश की गई , आज उन्हें देश हर पल याद कर रहा है। उन्होंने कहा पूर्वोत्तर के राज्य हों , हिमालयी राज्य हों या फिर समुद्री द्वीप क्षेत्र , इन्हें लेकर पहले की सरकारों में यह सोच रहती थी कि ये तो महत्वहीन क्षेत्र हैं। सरकारों की इसी सोच के कारण इन इलाकों की सालों तक उपेक्षा हुई , उनके डेवलपमेंट पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और अंडमान भी इसका भी उपेक्षा की शिकार रहा है। उन्होंने कहा इन द्वीपों का विकास करने की जगह यहां तक भी ध्यान नहीं दिया गया कि भारतीय क्षेत्र में कितने टापू हैं। लेकिन अब भारत को आधुनिक विकास की ऊंचाइयों को छूने में सक्षम देश के रूप में देखा जा रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा आज नेताजी सुभाष बोस की जयंती है , देश इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाता है। वीर सावरकर और देश के लिये लड़ने वाले कई अन्य नायकों को अंडमान की इस भूमि में कैद कर दिया गया था। चार- पांच साल पहले जब मैं पोर्ट ब्लेयर गया था , तब मैंने वहां के तीन मुख्य द्वीपों को भारतीय नाम समर्पित किये थे। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आज दिल्ली और बंगाल से लेकर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक पूरा देश नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है , उनसे जुड़ी विरासत को सहेज रहा है। लोग अब स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के बारे में जानने के लिये अंडमान जा रहे हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में नेताजी का स्मारक लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना का संचार करेगा। इसके अलावा पीएम मोदी ने अपने संबोधन में दिल्ली के इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने , आजाद हिंद फौज की सरकार के गठन के पचहत्तर वर्ष पूरे होने के मौके पर लाल किले पर तिरंगा फहराने और उनके जीवन से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने समेत एनडीए सरकार के कई कदमों का उल्लेख किया।
नामकरण से बढ़ेगा सेना का उत्साह - अमित शाह
इस कार्यक्रम में नेताजी के 126वीं जयंती समारोह में शामिल होने के लिये पोर्ट ब्लेयर पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सम्मान के साथ देश के गौरव के समान सुभाष बाबू की मूर्ति लगाने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज के दिन को पराक्रम दिन घोषित किया। यह दुर्भाग्य रहा कि सुभाष बाबू को भुलाने का बहुत प्रयास किया गया मगर कहते हैं कि जो जो वीर होते हैं वो अपनी स्मृति के लिये किसी के मोहताज नहीं होते हैं। वो स्मृति उनकी वीरता के साथ ही होती है। उन्होंने आगे कहा आज प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल के तहत अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 बड़े द्वीपों को हमारे परम वीर चक्र विजेताओं के नामों के साथ जोड़ा गया है और जब तक यह धरती रहेगी, उनकी स्मृति को बनाए रखने का प्रयास सेना के उत्साह को बढ़ाएगा। शाह ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व में लिए गए सभी निर्णय निश्चित रूप से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के जुड़ाव को स्वीकार करते हैं और उसकी सराहना करते हैं। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह , प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान , तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुख , अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल देवेंद्र कुमार जोशी सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इन वीरों के नाम हुआ द्वीपों का नामकरण
पीएम मोदी ने जिन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर द्वीपों का नाम रखा है। उनमें कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह , कैप्टन जीएस सलारिया , लेफ्टिनेंट कर्नल धान सिंह थापा , सुबेदार जोगिंदर सिंह , मेजर शैतान सिंह , कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद , लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर , लांस नायक अल्बर्ट एक्का , मेजर होशियार सिंह , सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण क्षेत्रपाल , फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल सिंह शेखों , मेजर परमेश्वरम , नायब सुबेदार बना सिंह , कैप्टन विक्रम बत्रा , लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे , सुबेदार मेजर संजय कुमार , सुबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव सहित 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम शामिल हैं।
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