शब-ए-बारात पर मरूहमों के लिए मांगी गई दुआ, मुस्लिम भाई कब्रिस्तान पहुंच कर रात भर मरहूमो की मगफिरत के लिए दुआ करते रहे
रतनपुर....मुस्लिम समुदाय के लोग रात भर इबादत कर सुबह रोजा रखकर अपने मरहूम के हक में दुआ करते हुए नजर आए, शब-ए-बारात के मुबारक मौके पर मरूहमों के मगफिरत के लिए दुआ मांगी गई ,रात भर दुआ कर अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की गई, रात को मस्जिदों में तकरीर के साथ इबादत करते नजर आए इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शब-ए-बारात शाबान महीने की 15 वीं तारीख की रात को मनाया जाता है। 21 फरवरी को शाबान का चांद दिखने के बाद से शब-ए-बारात 7 मार्च मंगलवार को मनाया गया मुस्लिम समुदाय में मान्यता है कि इस दिन की गई इबादत का सवाब का महत्व अधिक होता है। क्योंकि माह-ए- शाबान को बेहद ही पाक व मुबारक महीना माना जाता है। शब-ए- बारात अर्थात मंगलवार की रात इस्लाम धर्मावलंबी मृत परिजनों के लिए मगफिरत की दुआएं करते हैं।इस्लाम धर्म के अनुयायी के लिए ये त्योहार बहुत अहम होता है। शब-ए बारात की रात ऐसी रात है जो सभी गुनाहों से गुनाहगार को माफी दिलाती है। और अपने मरहूम परिजनों के लिए दुआ कर मग फिरत कराते हैं अल्लाह ताला इस दिन किए गए ईबादत को कुबूल फरमाता है
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