डोंगरगांव विधानसभा में प्रत्याशी को लेकर घमासान
इधर सोशल मीडिया में भाजपा प्रत्याशी भारत वर्मा के नाम वायरल होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी ?
डोंगरगांव विधानसभा की जनता की भावनाओं को नहीं समझ पा रही है भारतीय जनता पार्टी?
कहीं इस बार भी गवा ना दे अपनी सीट जनता और कार्यकर्ता स्थानीय नेता दिनेश गांधी को ही टिकट मिले?
खुज्जी : 2 अक्टूबर को हुई समाचार चैनलों में सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही भारतीय जनता पार्टी हो रहे भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा प्रत्याशीओ को सूची को लेकर प्रदेश में चारों ओर चर्चाएं में हैं यदि यह सोची सही है यदि यह आखिर 2013 और 2018 के चुनाव में की गई गलती आखिर क्यों दोबारा भाजपा दोहरा रही है आखिरकार भाजपा क्यों विजय प्रत्याशी को दरकिनार कर रही है इसके पीछे राजनीतिक समीकरण क्या है सर्वे के आधार पर जिस लोकप्रिय एवं विजय प्रत्याशी का नाम सबसे ऊपर आया था पार्टी उस पर ऐसा फैसला क्यों ले रही है ऐसे ही कोई सवाल जनता और कार्यकर्ताओं के मन में सैलाब की तरह उमड़ रही है
जनता और कार्यकर्ताओं के साथ खिलवाड
डोंगरगांव विधानसभा के अखिर भारतीय जनता पार्टी और कार्यकर्ताओं की भावनाओं के साथ क्यों खिडवाड कर रही है? भाजपा के सर्वे एवं कार्यकर्ताओं के लगभग अधिकांश सर्वे में क्षेत्र के लोकप्रिय प्रत्याशी दिनेश गांधी का नाम सबसे शीर्ष पर है सभी कार्यकर्ताओं को भी भरोसा है कि उन्हें ही यहां से टिकट मिले और वह सबसे बड़ी जीत पार्टी को दिला सकती है विधानसभा की जनता एवं कार्यकर्ता विगत वर्षों से दिनेश गांधी द्वारा किए गए जनसेवा के कार्य को परखा है और देखा है और उन्हें एक विधायक प्रत्याशी के रूप में देख रहे हैं पार्टी द्वारा मिले दायित्व हो, चाहे समाज सेवक के रूप में डोंगरगांव विधानसभा के अलावा पूरे राजनांदगांव जिले के हर क्षेत्र में कार्य की बात हो दिनेश गांधी ने लगातार जनता के बीच रहकर जनता की समस्याओं को सुना और उनके निराकरण के लिए आवाज उठाई लेकिन जब से सोशल मीडिया में टिकट वितरण की दूसरी सूची प्रसारित हो रही है तब से कार्यकर्ताओं के मनोबल टूट गया है और यह काम में आज पार्टी को डोंगरगांव विधानसभा में हार के रूप में देखने को मिल सकता है? जनता का मानना है विधानसभा में कमजोर प्रत्याशी को क्यों टिकट दे रही है इसके पीछे राजनीति समीकरण क्या है अगर वायरल सूची मे प्रत्याशी स्पष्ट हो जाती है भाजपा को निश्चित ही हार का सामना करना पड़ सकता है कार्यकर्ताओं की नाराजगी निष्क्रिय प्रत्याशी को मैदान में उतारना यहां चुनाव की दृष्टि से किसी भी प्रकार से पार्टी की हार का प्रमुख कारण बन सकता है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर भाजपा डोंगरगांव से एक कमजोर प्रत्याशी की टिकट क्यों देना चाह रही है आखिर राजनीति समीकरण क्या हो सकता है कोई भी पार्टी जीतने के लिए चुनाव मैदान में उतरती है जनता की राय और कार्यकर्ताओं के सवाल से ऐसा व्यक्ति को चुनती है जो क्षेत्र में बीच अपने मजबूत पकड़ रखत है परंतु डोगरगांव का विधानसभा में ऐसा क्या राजनीति समीकरण देख रही है भाजपा जो एक कमजोर प्रत्याशी के ऊपर दवा खेल रही है यह सब के मन और सबके जुबान पर आ रहा है
2018 चुनाव की गलती क्यों दोहरा रही है भाजपा डोंगरगांव विधानसभा में?
2018 में भाजपा की बड़ी हार होने के बाद भी आखिर ऐसा प्रत्याशी के नाम आना जो क्षेत्र में सक्रिय नहीं है कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी देखी जा रही है टिकट देने के लिए क्या आतुर हो रही है वर्तमान समय में डोंगरगांव विधानसभा में सबसे लोकप्रिय प्रत्याशी दिनेश गांधी का नाम लगभग तय माना जा रहा था लेकिन सोशल मीडिया व कुछ निजी अखबारों चैनलों में 2 अक्टूबर को भाजपा के दूसरी सूची में प्रत्याशियों के नाम को देखकर जनता हुआ पार्टी के कार्यकर्ताओं दुख एवं हैरान है की 2018 की गलती को भाजपा क्यों दोहरा रही है विगत विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपने नए प्रत्याशियों को मैदान में उठा रहा था जिसका काम में आज उन्होंने 14 सीटों में सिमटकर भुगतना पड़ा , इस बार भाजपा सही प्रत्याशी को टिकट नहीं देती तो बड़ा हार का सामना करना पड़ सकता हैl


















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