पुलिस की धीमी कार्यवाही आरोपी गिरफ्त से बाहर
सडक चिरचारी =छुरिया पुलिस आज कल अपने सुस्ती की वजह से चर्चा में बनी हुई है मामला करोड़ों के फाइनेंशियल फ्रॉड का है।जिसमे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली की वजह से संबंधित आरोपी चुस्ती के साथ फरार हो चुके है।छुरिया पुलिस द्वारा अब तक किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी न कर पाना उनके नाकामी को दिखाती है।वैसे भी छुरिया पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदेहास्पद है। क्योंकि पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव एवम थाना प्रभारी छुरिया को पीड़ित पक्ष द्वारा 5 सितंबर को किए गए आवेदन में किसी भी प्रकार की एफआईआर दर्ज अब तक नही की गई है जबकि विगत 5 सितंबर के आवेदन में जिन पीड़ितो ने सुशील साहू के बिजनेस पार्टनर लखन साहू,श्रवण साहू एवं भोज साहू के खिलाफ आवेदन किया था उसे नजर अंदाज करते हुए छुरिया पुलिस ने इन आरोपियों द्वारा दिए गए आवेदन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज कर दी गई।जिससे यह प्रतीत होता है कि छुरिया पुलिस कही न कही इन आरोपियों को बचाने में लगी हुई है।यदि छुरिया पुलिस प्रथम आवेदकों के आवेदन पर इन आरोपियों के पृष्ठभूमि की गहन जांच करती तो बहुत से राज का पर्दाफाश होता।छुरिया पुलिस ने आरोपियों द्वारा बचाव हेतु दिए गए आवेदन पर बिना किसी जांच,बिना किसी विवेचना के तत्काल एफआईआर दर्ज कर दी।जबकि इन आरोपियों में श्रवण साहू,भोज साहू एवं लखन साहू तीनो के एवं उनके परिजनों के बैंक खाते,संपत्ति,सोना चांदी, शेयर ,मोबाइल ,लैपटॉप आदि की जांच करेंगे तो सारी सच्चाई छन कर बाहर आ जायेगी।
आरोपियों में दो व्यक्ति झोलाछाप डॉक्टर
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बम्हनी चारभाटा का आरोपी जो अवैध मेडिकल संचालक भी है झोलाछाप डॉक्टरी का कार्य करता है।कई वर्षो से अपने गांव व आसपास के क्षेत्र में चिटफंड व फर्जी स्कीम में निवेशक का कार्य करता है।इसी तरह दूसरा आरोपी जो हालेकोसा नामक पावन धरा की छवि को धूमिल करते हुए छुरिया में मार्केटिंग दुकान चलाता है वह भी पूर्व में झोलाछाप डॉक्टर का कार्य करता था।यह भी दिन दोगुनी कमाई के चक्कर में सैकड़ों लोगो को झांसे में लेकर ऐसी फर्जी स्कीम और चिटफंड में अनवरत कार्य कर रहा है।
मामले में जांच अभी जारी है।
नवीन कुमार इक्का
प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी छुरिया
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