शाला प्रबंधन समिति का विकासखंड स्तरीय प्रशिक्षण वन काष्ठागार पिथौरा में संपन्न
पिथौरा, समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय व राज्य साक्षरता मिशन छत्तीसगढ़ के निर्देशन में एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी के.के. ठाकुर,विकासखंड श्रोत समन्वयक गौतम प्रसाद कन्हेर,विकासखंड साक्षरता नोडल अरुण कुमार देवता के सफल मार्गदर्शन में तथा जिला मास्टर ट्रेनर खेमलता प्रधान की उपस्थिति में विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनर द्वय,डोलामणी साहू राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक व माधव साहू व्याख्याता जम्हर द्वारा बिंदुवार चर्चा परिचर्चा करते हुए
प्रशिक्षण संपन्न कराया गया। प्रशिक्षण में पिथौरा विकासखंड के ४२ संकुलों से शाला प्रबंध समिति/शाला प्रबंध विकास समिति और विद्यालयों से समिति सदस्य, व्याख्याता/शिक्षक/प्रधानपाठक/सहायक शिक्षक मिलाकर १३९ लोग उपस्थित थे। सर्वप्रथम इस प्रशिक्षण में उपस्थित समिति सदस्यों का विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा तिलक लगाकर अभिनन्दन किया गया साथ ही मतदाता जागरूकता अभियान (स्वीप) अंतर्गत मताधिकार के प्रयोग का संकल्प विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा शपथ दिलाया गया।ज्ञात हो कि इनके द्वारा इस प्रशिक्षण को संकुल स्तर पर प्रत्येक शाला से दो-दो समिति सदस्यों को बुलाकर सम्पन्न कराया जाएगा जो इस प्रशिक्षण के निहित उद्देश्य को सफल करते हुए हर विद्यालय के गठित शाला प्रबंध समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित कर सामुदायिक सहभागिता का परचम विद्यालयों में लहरायेंगे।
प्रशिक्षण के दौरान सुधीर प्रधान, के.डी. नाग, अक्षय साहू, शशिभूषण बरिहा, रत्थूलाल साहू, अंतर्यामी प्रधान, एन. एन. पंडा, समिति सदस्य द्वय शिवचरण ध्रुव,सुरेश कुमार सिन्हा ने अपने विचार रखे। व्याख्याता सत्यम सिंह जम्हर ने तकनीकी सहयोग प्रदान कर प्रशिक्षण रोचक बनाये। अपनी क्षमता को पहचान कराते हुए कैसे शाला प्रबंध समिति को सक्रिय करें इसके लिए सदस्यों का चुनाव, समिति की संरचना, शाला प्रबंध समिति की जवाबदेही, बैठकों का आयोजन, श्रेष्ठ पालकत्व, विद्यालय का वातावरण, अँगना म शिक्षा जैसे समग्र विकासोपयोगी बिंदुओं पर चर्चा में भाग लिये। चर्चा-परिचर्चा में विद्यानन्द पटेल,प्रदीप पटेल, संतोष साहू, अनूप नायक, मनोज पटेल, प्रवीण डड़सेना, तरुवर कोसरिया, हेमलता साहू, क्रांतिपाल मंडल, समिति सदस्य गायत्री साहू,नेताम जी सहित साथियों ने भाग लिये। कार्यक्रम के निचोड़ के रूप में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों ने संकल्प लिया कि खतरों की पहचान कर अवसर को भुनाते हुए कमजोरियों को दूर कर अपने-अपने विद्यालय को मजबूत कर समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।
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