नवरात्रि के अंतिम दिन महामाया देवी का किया गया राजसी श्रृंगार, 108 कन्याओं को कन्या भोज कराया गया
नवरात्र के नवमी तिथि में रानीहार के साथ सवा चार किलो सोने से किया गया राजसी श्रृंगार,राजसी श्रृंगार देखने लगी भक्तो की लंबी कतार
रतनपु से ताहिर अली कि रिपोट
रतनपुर ....बासती(चैत्र)नवरात्र की नवमी पर बुधवार को रतनपुर माँ महामाया मंदिर में माँ महामाया देवी का राजसी श्रृंगार किया गया।नवरात्र की नवमीं तिथि पर बुधवार को सुबह 6 बज के 30 मिनट में राजश्री श्रृंगार के बाद मंदिर का पट खोला गया।प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी नवरात्र की नवमी तिथि को माँ महामाया देवी की रानीहार, कंठ हार, मोहर हार,ढार,चंद्रहार,पटिया समेत 9 प्रकार के हार,करधन,नथ धारण कराया गया। राजसी श्रृंगार के बाद मां महामाया की महाआरती हुई पूजा अर्चना के बाद मां को राजसी नैवेद्य समर्पित किया गया ।मंदिर ट्रस्ट के द्वारा आज दोपहर मंदिर परिसर में 108 कन्याओं का कन्या भोज व ब्राम्हण भोज का आयोजन के साथ मंदिर के पुरोहितों समेत ब्राम्हणों को भोज कराया गया साथ ही ज्योति कलश रक्षकों को भोज कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा प्रदान की गई कन्या,ब्राम्हण भोज के बाद दोपहर पूजन सामग्री के साथ पुजारी सभी ज्योति कलश कक्ष में प्रज्जवलित मनोकामना ज्योति कलश की पूजा अर्चना कर मंत्रोच्चार के साथ ज्योति विसर्जित की जाएगी।आज रात 12 बजे तक ही मिलेगा माँ की राजसी श्रृंगार के दर्शन सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर ट्रस्ट द्वारा वर्ष में दोनों नवरात्रि के नवमी तिथि को राजसी श्रृंगार किया जाता है साथ ही दशहरा,दीपावली और धनतेरस पर्व पर मां महामाया देवी जी का राजश्री श्रृंगार किया जाता है। माँ के इस रूप के दर्शन करने भक्तों की लंबी कतार लगी रहती है।
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