6 माह में 1 बार होता है माँ महामाया - समलेश्वरी का वीर मुद्रा में श्रृंगार
सी एन आइ न्यूज़-पुरुषोतम जोशी ।
रायपुर-नवरात्रि पर्व की अष्टमी हवन पूर्णाहुति के बाद वाली रात्रि में अर्थात नवमी तिथि की रात्रि में आज ( मंगलवार / बुधवार की मध्य रात्रि में ) मातेश्वरी की ‘’वीर मुद्रा’’ में भव्य शस्त्र श्रृंगार किया गया है। पूरे आठों हाथों में शस्त्र धारण के साथ ही आर्कषक व दुर्लभ दर्शनीय श्रृंगार रहता हैं।
यह शस्त्र सिंगार पुरे वर्ष भर में मात्र 2 बार ही नवरात्रि पर्व में ज्योति विसर्जन के दूसरे दिन अर्थात कन्या पूजन राजभोग वाले दिन पूरे दिन दर्शन लाभ प्राप्त किया जाता
कन्या पूजन व राजभोग
प्राचीन परम्परा के अनुसार महामाया मन्दिर में मंगलवार की मध्य रात्रि ज्योति विसर्जन के बाद बुधवार को कन्या पूजन किया जायेगा।
कन्या पूजन के समय मन्दिर परिसर में जितनी भी संख्या में कन्या और भैरव रूप में छोटे बच्चे उपस्थित रहते थे सभी की विधि विधान से पूजा करके भोजन कराया जाता है
इसके बाद मध्यान्ह की आरती साढ़े 12 बजे होगी जो कि नवरात्रि पर्व के सम्पन्न होने वाली मध्यान्ह महाआरती रहती है। इसके पश्चात दोपहर 1 बजे माता जी को राजभोग लगेगा।
नवरात्रि के 9 दिन पर्यन्त केवल मध्यान्ह में फलाहारी भोग ही लगता है लेकिन बुधवार से माता जी को समस्त प्रकार के षडरस व्यंजन का भोग लगेगा। फिर 9 दिन रात तक लगातार खुली रहने वाला मन्दिर कुछ समय विश्राम के लिये बन्द कर दिया जाता है।
इस तरह से यह पावन पर्व नवरात्रि बुधवार को सम्पन्न हो जायेगा।
माता रानी आप सबको स्वस्थ - दीर्घायु रखें आपकीं सभी मनोकामना पूरी करें। -
पण्डित मनोज शुक्ला महामाया मन्दिर रायपुर ।
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