गर्मियों में आंगनबाडी केंद्र के मासूम बच्चों के तबियत बिगड रही है।
भीषण गर्मी में आंगनबाडी में छुट्टी नही हुई तो छत्तीसगढ के पालक करेंगे धरना प्रदर्शन।
क्या आंगनबाड़ी के बच्चों और मैडमों को नहीं लगती गर्मी
सूर्य देव प्रचंड ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं
प्रशासन और उनके अधिकारी कर्मचारी AC कूलर, पंखे की हवा में कर रहे अराम।
एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार हाई अलर्ट घोषित कर रहे हैं
रायपुर _महिला बाल विकास विभाग की गतिविधियां कभी _कभी समझ से परे होती है।पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में राज्य सरकार ने भीषण गर्मी को देखते हुए कक्षा पहली से बारहवीं तक शासकीय और अर्द्ध शासकीय शालाओं के बच्चों के लिए ग्रीष्म कालीन अवकाश घोषित कर दिया है।यहां तक ग्रीष्म कालीन अवकाश में लगने वाले समर कैंप को भी रद्द कर दिया है परंतु तीन साल से छै साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी बुलाया जा रहा है।क्या वहां के बच्चों को गर्मी नही लगती है वहां पर पढ़ाने वाली मैडम को गर्मी छुट्टी नहीं मिलना चाहिए।जन्म से मृत्यु तक के कार्यों को उनसे कराया जाता है।मानवता के नाते उन्हें भी डेढ़ महीने की गर्मी छुट्टी मिलना चाहिए।नन्हें मुन्ने बच्चों की स्वास्थ्य का ध्यान आखिर कोई क्यों नही रखना चाहते हैं।कभी सुपोषण चौपाल,कभी कुपोषण मुक्त,कभी पल्स पोलियों अभियान,कभी सामूहिक विवाह पंजीयन,कभी महतारी वंदना,कभी फोटो अपलोड करो,कभी लोकेशन में रहकर नाश्ता भोजन का फोटो भेजो, आधार कार्ड से परिवार सर्वे करो आदि और न जाने क्या क्या काम इन लोगों से लिया जा रहा है।सुबह 07 बजे से 11 बजे तक बच्चों,कार्यकर्ता और सहायिका को आंगनबाड़ी केंद्रों में बुलाया जा रहा है इधर सूर्य देव प्रचंड ऊर्जा प्रदान कर रही । 01 मई से 15 जून तक इन लोगों को भी ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलना चाहिए।महिला बाल विकास विभाग एक तरफ अपने विभाग के द्वारा महिलाओं और बच्चों की विकास की बात करती है दूसरे तरफ अपने ही विभाग की कार्यकर्ता सहायिका का शोषण कर रही है बच्चों की स्वास्थ्य का कोई ध्यान नही रखा जा रहा है।
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