जिला सिवनी मध्यप्रदेश
मध्याह्नन भोजन में जोक निकलने का मामला
बिहिरिया माध्यमिक स्कूल के तीन शिक्षकों को नोटिस जारी, समूह को हटाया
सी एन आई न्यूज सिवनी। विकासखण्ड सिवनी के ईपीएस शाला बिहिरिया में बच्चों को कीड़े वाला पुलाव मध्यान्ह भोजन में परोस दिया गया। इसकी जानकारी जब पालकों को लगी तो लोगों ने मध्यान्ह भोजन परोस रहे जिम्मेदारों पर गुस्सा जाहिर किया। इसकी खबर जब प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों तक पहुंची तो हड़कम्प मच गया। तब स्व-सहायता समूह को हटा दिया गया और प्रधानपाठक सहित तीन शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए हैं। brc कपिल बघेल का कहना है कि रसोइया समूह को अलग कर प्रधान पाठक व शिक्षको के खिलाफ scn जारी कर दिया गया है।
प्रभारी बीआरसीसी सिवनी कपिल बघेल ने बताया कि ईपीएस शाला बिहिरिया में 80 बच्चे हैं। इनके लिए 10 जुलाई को मध्यान्ह भोजन में पुलाव बना था। जिसमें कीड़े निकले थे। इसकी शिकायत मिलने पर जनशिक्षक चंद्रभान राय को मौके पर भेजकर जांच कराई गई, शिकायत सही पाए जाने पर स्व-सहायता समूह को हटा दिया गया है। शाला प्रबंधन समिति को भोजन बनवाने की जिम्मेदारी दी गई है।
विद्यार्थी हुआ बीमार तब जारी किया पत्र – बीआरसीसी सिवनी ने ईपीएस शाला बिहिरिया के प्रधानपाठक के नाम एक पत्र गुरुवार को जारी किया है। जिसमें कहा गया है इस शाला में कार्यरत कृष्णा स्व-सहायता समूह एवं रसोईयों ने पीएम पोषण बनाने एवं वितरण में लापरवाही की है। इसके लिए समूह को हटाकर आगामी आदेश तक शाला प्रबंधन समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह समिति भोजन बनाने एवं परोसने का कार्य करेगी।
एक विद्यार्थी हुआ बीमार – डॉक्टर ने बताया इन्फेक्शन
ईपीएस शाला बिहिरिया में पढ़ रहा सातवीं कक्षा का एक छात्र 24 जुलाई को तबियत बिगड़ने से बीमार हुआ है। बच्चे के बीमार होने पर यह खबर ग्राम व क्षेत्र फैल गई, कि बच्चा कीड़े वाले भोजन के कारण बीमार हुआ है। इस सूचना के बाद विभागीय अफसरों में हड़कम्प मच गया है। बीआरसीसी कपिल बघेल ने बताया कि जानकारी मिलने पर अस्पताल पहुंचकर बच्चे के स्वास्थ्य की जांच कराई गई। डॉक्टर ने उन्हें बताया है कि बच्चे के पेट में पथरी है, जिसके इंफेक्शन के कारण बच्चे की तबियत बिगड़ी है।
जांच व कार्रवाई में देरी पर उठे सवाल – बीआरसीसी का कहना है कि उन्होंने कीड़े वाला पुलाव बच्चों को परोसने के मामले में प्रधानपाठक एवं दो शिक्षिका को नोटिस जारी किया है, लेकिन उनका जवाब अभी नहीं मिला है। अहम सवाल है कि बच्चों को कीड़े वाला पुलाव 10 जुलाई को परोसा गया था, लेकिन बीआरसीसी ने वहां के जिम्मेदारों से 25 जुलाई तक ऐसा क्यों हुआ, इस बात के लिए जवाब नहीं बुला पाए हैं। इस प्रकरण की जांच में देरी को लेकर कई तरह की चर्चा सामने आ रही
जिला ब्यूरो छब्बी लाल कमलेशिया की रिपोर्ट
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.