Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Tuesday, July 9, 2024

नवागॉव में माता पहुंचनी का पर्व धूमधाम से मनाया गया, भक्ति के रंग में डूबा पूरा गॉव

 नवागॉव में माता पहुंचनी का

पर्व धूमधाम से मनाया गया,




भक्ति के रंग में डूबा पूरा गॉव


लोकेशन/ सिमगा

रिपोर्टर /ओंकार प्रसाद साहू


*सिमगा :-* आस्था विश्वास समर्पण का महापर्व माता पहुंचनी का पर्व नवागॉव में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। आज भी सदियों से चली आ रही परम्परा जीवित हैं माता पहुंचनी मनाने की परम्परा अभी से नही पुरातन काल से चली आ रही है। गॉव के आराध्य देवी मां शीतला के दरबार में प्रतिवर्ष की भांति 8 जुलाई दिन सोमवार को पूरे आस्था विश्वास एवं धार्मिक वातावरण के बीच स्वस्थ और निरोगी रहने की कामना लिए श्रद्धालु मां शीतला के दरबार में पहुंचे।


दोपहर बाद भक्तों का अपार जनसमूह मंदिर प्रांगण में देखने को मिला। सदियों से चली आ रही इस परम्परा के बारे में मंदिर के पुजारी आघानू निषाद ने बताया यह परम्परा हमारे पुरखों की देन है। गांव में किसी प्रकार के अनहोनी से बचने के लिए मां शीतला के दरबार में भक्तगण आते है। माता पहुंचनी के दिन विशेष तैयारी की जाती है इस दिन नीम के पत्ते हल्दी व तेल को आपस में मिलकर भक्तों के सिर के ऊपर छिड़काव किया जाता है।


बीमारियों से होता है बचाव


माताएं अपने साथ घर से थाली में नारियल, हल्दी, तेल चांवल, दाल थोड़ी थोड़ी मात्रा में लेकर आती है और प्रसाद स्वरूप ठंडई के रूप में अपने घर ले जाकर परिवार के सभी सदस्यों के ऊपर छिड़काव करती है माना जाता है कि ऐसा करने से परिवार में किसी प्रकार के बीमारियों का प्रकोप नहीं होता।


बताया जाता है कि पुराने समय में माता पहुंचनी के दिन बली प्रथा का प्रचलन था। जो समय के साथ धीरे धीरे समाप्त हो गया अब माता के चरणों में नारियल चढ़ा कर स्वस्थ और निरोगी रहने की मन्नत मांगी जाती हैं  जिसमें  सेवा समिति द्वारा संगीत मय ढोल नगाड़ों मांदर की थाप पर भक्ति में डूबे माता सेवा गीत गाकर पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया गया । श्रद्धालु पूरे समय भक्ति के रंगों से सराबोर दिखाई देते रहे। लोगों का कहना है कि आज भी सदियों से चली आ रही परंपरा को देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता हैं।

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad