जिला सिवनी मध्यप्रदेश
लखनादौन थाना पर नहीं चलेगी मनमर्जी, हूटर सायरन नहीं हटाने पर अब होगी ताबड़तोब कारवाही
नगर परिषद लखनादौन सीएमओ द्वारा लगाया गया अवैध हूटर आखिर कब हटेगा?
सी एन आई न्यूज न्यूज़/सिवनी/लखनादौन- लखनादौन की सड़कों पर दौड़ते वाहनों में सायरन, हूटर की भरमार है। ऐसे में तेजी से हूटर, सायरन लगे वाहनों से लोग अचानक चौंककर हादसे का भी शिकार हो जाते हैं। चौक चौराहों पर चर्चित खबर कि वर्तमान में नगर परिषद लखनादौन सीएमओ शासन के नियम को ही ताक में रखकर अपनी ड्यूटी बजा रही है। जबकि केन्द्र सरकार गाड़ियों पर हूटर लगाना पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन न जाने कौन से आदेश के तहत गाड़ी पर हूटर, सायरन लगाकर लोगों को अपने पद का रोब दिखा रही है। एम्बुलेंस,फायर बिग्रेड की गाड़ियों मे आरटीओ इमरजेंसी की हालत में पुलिस गाड़ियों में लगा सकती है। हूटर, सायरन जबकि अन्य वाहनों में हूटर लगाना कानूनी अपराध है। मध्यप्रदेश में अफसर खुद कानून का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। जैसा वर्तमान में देखने में आया है, कि नगर परिषद लखनादौन के सीएमओ द्वारा मोटर अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं लेकिन चार पहिया वाहनों पर लगे हूटर, सायरन हटवाने की जहमत कोई नहीं करता ओर फिर खुद ही कानून का उलंघन कर रहे हैं।
लखनादौन में टशन के लिए वाहनों पर लगवा रहे सायरन और हूटर
हूटर और सायरन का इस्तेमाल इमरजेंसी में फायर ब्रिगेड की गाड़ी और एम्बुलेंस ही कर सकते हैं। इन्हें भी हर समय सायरन और हूटर बजाने का अधिकार नहीं है। एम्बुलेंस में मरीज होने पर ही सायरन और हूटर बजाया जा सकता है।
छुटभैया नेताओं की गाडिय़ों में हूटर, नियम मंत्री तक को वाहन में हूटर लगाने की अनुमति नहीं
किसी मंत्री तक को वाहन में हूटर लगाने की अनुमति नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कि सरपंच प्रतिनिधि से लेकर छुटभैया नेता तक अपने वाहन में हूटर लगाकर रौब झाड़ रहे है। लखनादौन में वर्तमान में हूटर लगाकर रौब झाडऩे वाले छुटभैया नेताओं की बाढ़ सी आ गई है। नियम कानून की धज्जियां खुलेआम उड़ाते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। फिर जिम्मेदार अफसरों की बड़ी लापरवाही यह है कि इस ओर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। इसलिए ऐसे जनप्रतिनिधियों की हौसले बुलंद होते जा रहे हैं, प्रशासन के नाक के नीचे बेखौफ होकर चार पहिया वाहनों में हूटर और सायरन बजाए जा रहे हैं। सड़कों पर बेधड़क होकर घूम रही इन लग्जरी गाड़ियों की न तो चेकिंग हो रही है और न ही कार्रवाई। हूटर, सायरन का प्रयोग नियमत: पेट्रोलिंग अथवा पायलटिंग के लिए किया जाता है। हूटर की आवाज महज इसलिए बजाई जाती है ताकि सड़क पर जमा ट्रैफिक हट जाए और पेट्रोलिंग अथवा पायलटिंग के लिए रास्ता साफ हो जाए। हूटर का प्रयोग पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों की गाड़ियों में, फायर ब्रिगेड एवं एंबुलेंस में ही किया जा सकता है। इसके बावजूद छोटेभैया नेता सड़काें पर निकलने वाले चार पहिया वाहनो से जरा सा रास्ता अवरूद्ध होने पर हूटर, सायरन की आवाज आने लगती है। यहां तक कि उन चौराहों पर भी ये वाहन चालक अपने हूटर, सायरन बजाने से बाज नहीं आते, जहां पुलिस और यातायात विभाग के कर्मियों की तैनाती होती है। अब देखना यह होगा कि सिवनी जिले में बैठे आला अधिकारियों का आशीर्वाद इन हूटर सायरन बजाती गाड़ियों पर बना रहेगा या कारवाही ताबड़तोड़ की जावेगी यह तो आने बाला समय बताएगा।
इनका कहना-
इमरजेंसी में फायर ब्रिगेड की गाड़ी और एम्बुलेंस, पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों की गाड़ियों में ही किया जा सकता है। इन गाड़ियों के अलावा कोई भी गाड़ी पर हूटर सायरन होगा तो फिर ताबड़तोड़ कारवाही की जावेगी।
के.पी धुर्वे
थाना प्रभारी लखनादौन
जिला ब्यूरो छब्बी लाल कमलेशिया की रिपोर्ट
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