,,, छत्तीसगढ में एक शिक्षा मंदिर ऐसा भी,,,,
,,,,,, झोपड़ी में स्कूल ,,,,,,,,,
,,,,,, ग्रामीणों में चिंता का माहौल ,,,,,,,,,,
,,,,, आखिर कब तक झोपड़ी में पढ़ेंगे बच्चे ,,,,,,,,,
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छत्तीसगढ़,राजनांदगांव जिले के छुरीया विकासखंड ग्राम मंगिया टोला का मामला सामने आया है जहां पर 22 दिनों से ग्रामीण एवं शिक्षकों के द्वारा बनाई गई झोपड़ी में स्कूल संचालित हो रही है यह कैसे प्रदेश का विकास आज देश का भविष्य जो कल पढ़ लिख करके परिवार ग्राम जिले राज्य और देश का नाम रोशन करने वाला नव निहाल देश के भविष्य एक झोपड़ी पर अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं
आज देश 21वीं शदी पर करने में आगे बढ़ रहा है परंतु मंगिया टोला पुरानी शदी में निवास कर रहा है पहले ऋषि मुनी अपनी झोपड़ी कुटिया में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवाते थे परंतु आज युग बदल चुका है शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शासन प्रशासन के माध्यम से अनेको कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं परंतु मंगिया टोला को एक नवीन भवन स्कूल संचालित करने के लिए नहीं मिल रहा है यह कैसा शिक्षा विभाग और सरकार शिक्षा कार्यक्रम चला रही है समझ नहीं आता सवाल बना हुआ है,,,,,,,,,
,,,,,,, ग्रामीणों में चिंता ,,,,,,,,,,
मंगिया टोला के ग्रामीणों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है 1993 में स्कूल संचालित हो रहा था वहां की पूरी तरह से जर्जर अवस्था में नजर आ रहा है अगर शिक्षकों के द्वारा जर्जर भवन में बच्चों को पढ़ाया जाता है तो आने वाले समय में कभी भी बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है बच्चों की जिंदगी के साथ शिक्षकों के साथ ऐसी कोई भी दुर्गा भाग्य पूर्ण घटना ना घटित हो इसके लिए ग्रामीणों ने अपनी ओर से एक झोपड़ी बना करके अपने बच्चों के भविष्य को उनकी पढ़ाई किसी भी तरह प्रभावित न हो इसके लिए एक आसान रास्ता निकाला ग्राम की महिलाओं में भी शिक्षा विभाग के लिए नाराजगी साफ नजर आती है आखिर ऐसा क्यों जब शिक्षा के लिए बजट है भवन के लिए बजट है तो फिर शासन प्रशासन मंगिया टोला के बच्चों के लिए नवीन भवन की व्यवस्था क्यों नहीं करवा रहा केंद्र से राज्य से शिक्षा के लिए बजट बनाया जाता है आखिर जिम्मेदारी है किसकी इस तरह से मासूम बच्चों को झोपड़ी में पढ़ने के लिए किसकी लापरवाही है ऐसे बहुत सारे सवाल ग्रामीण के अंदर बने हुए हैं,,,,,,,,,,
,,,,, आखिर कब तक झोपड़ी में पढ़ेंगे बच्चे ,,,,,,,,,
22 दिनों से अपनी शिक्षा ग्रहण करते हुए मासूम बच्चे कब तक बिना शौचालय के बिना भवन के शिक्षा ग्रहण करेगे आज सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूल की तरह बनाने के लिए सरकार कार्य कर रही है जिन बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है उन्हें स्कूल तक लाने के लिए अभियान चला रही है पर आज जिस तरह से मंगिया टोला के बच्चों की दुर्दशा दिखाई दे रही है ऐसे में बच्चों का मन किस प्रकार से पढ़ाई में लगेगा कैसे बोलोगे रोज स्कूल आने की सोचेंगे कैसे बच्चों को उनके मां-बाप समझाएगी की स्कूल जाओ जहां पर किसी भी प्रकार से बच्चों के लिए सुविधा नजर नहीं आ रही है आखिर कब बनेगा स्कूल का भवन क्या जिम्मेदार शिक्षा विभाग के के अधिकारियों को स्कूल जर्जर भवन में नजर नहीं आता नोडल अधिकारी संकुल प्रभारी क्या स्कूल में जांच के लिए नहीं आते अगर जांच के लिए आते हैं तो उन्हें जर्जर भवन क्यों नहीं दिखाई देता क्यों अपने ऊपर के अधिकारियों को भवन बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रयास नहीं कर रहे हैं आखिर ऐसा क्यों सवाल बना हुआ है।
सी एन आई न्यूज राजनांदगांव से संतोष सहारे की रिपोर्ट।
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