रिपोर्टर रोहित वर्मा
लोकेशन खरोरा
अगहन बृहस्पतिवार को पूजा घर में लक्ष्मी की पूजा
- छत्तीसगढ़ में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अघन बृहस्पति को महिलाएं विधि विधान से पूजा अर्चना कर मानती है ।अघन गुरुवार का यह गुरुवार दूसरा है। क्षेत्र में अगहन मास के दूसरे गुरुवार के पहले बुधवार शाम से ही श्रद्धालु जन अपने घर के प्रवेश द्वार पर माता लक्ष्मी के चरणों चिन्ह बनाकर फूल रोली एवं पीला चावल अर्पित की और घी के दीए जलाकर माता लक्ष्मी का आगमन का आह्वान किया
21नवंबर से शुरू आज अगहन का दूसरा
गुरुवार पड़ा । अगहन माह माँ लक्ष्मी के भक्तों के लिए बहुत ही विशेष महत्व रहता है। इस माह की प्रत्येक गुरुवार को माता की आराधना से घर में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है ,और दरिद्रता का अंत होता है ,ऐसी मान्यता भी है कि धन की देवी मां लक्ष्मी अगहन गुरुवार को ही पृथ्वी लोक। का विचरण करने आती है। । इस अवसर पर जो श्रद्धालु घर - द्वार की विशेष साज - सज्जा के साथ मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा -अर्चना करता है । उन पर माता की कृपा दृष्टि बनी रहती है।
महिलाओं ने एक दिन पहले घर की सफाई कर , रात को आंगन में चावल के आटे से रंगोली बनाई तथा घर के दरवाजे से देवस्थान पर लक्ष्मी पद चिन्ह बनाया । गुरुवार को घर के दरवाजे पर माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए दीप जलाया । उसके बाद विधि-विधान से माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की। , फलों का भोग लगाया , आशीर्वाद मांगा कि घर में सदा वास रहे।
मान्यता है कि अध्ययन में देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सदा लक्ष्मी का वास रहता है। यही वह समय होता है जब किसान अपने खेत कल्याण के धान (लक्ष्मी) घर में लाता है और पूजा अर्चना कर अपने कोठी डोली में रखता है । यह लक्ष्मी पूजा एक तरह से घर की महिलाओं द्वारा उपवास अगहन मास में घर आने पर लक्ष्मी का स्वागत करना है। गुरुवार को भोर में उनका सुबह ,दोपहर और शाम तीनों समय में भोग अर्पित करते हुए पूजा अर्चना की जाती है।
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