Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Sunday, March 23, 2025

जमीनी कर्मचारियों में सबसे बदहाल स्थिति पंचायत सचिवों की : पुनीत सिन्हा - पंचायत सचिवों की हड़ताल तेज - ⁠एक को मंत्रालय घेराव की चेतावनी

 जमीनी कर्मचारियों में सबसे बदहाल स्थिति पंचायत सचिवों की : पुनीत सिन्हा 



- पंचायत सचिवों की हड़ताल तेज

- ⁠एक को मंत्रालय घेराव की चेतावनी


पिथौरा। छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों का आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। 16 मार्च से जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल ने प्रदेशभर में पंचायत विभाग का कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया है। पंचायत सचिव संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पुनीत सिन्हा ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए ऐलान किया कि यदि 31 मार्च तक मांगें नहीं मानी गईं तो 1 अप्रैल को सचिव बड़ी संख्या में नवा रायपुर स्थित मंत्रालय का घेराव करेंगे।


पंचायत सचिव संघ का कहना है कि सरकार की बेरुखी के चलते पंचायत सचिवों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा अब तक नहीं मिल सका है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पुनीत सिन्हा ने बताया कि 1995 में पंचायत सचिवों की नियुक्ति मात्र 500 रुपये मानदेय पर हुई थी। समय के साथ पंचायत राज व्यवस्था के तहत उनके कार्यभार में बेतहाशा वृद्धि हुई, लेकिन वेतन और सुविधाओं में मामूली सुधार ही हुआ।


श्री सिन्हा ने शिक्षा कर्मियों और पंचायत सचिवों की तुलना करते हुए बताया कि दोनों की नियुक्ति एक ही समय में हुई थी, लेकिन शिक्षा कर्मियों को शिक्षा विभाग में संविलियन का लाभ मिला, जबकि पंचायत सचिवों को अब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिल पाया।

पंचायत सचिव ग्रामीण स्तर पर 22 विभागों के महत्वपूर्ण कार्यों को संचालित कर रहे हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर पंचायत स्तर पर विकास कार्यों की जिम्मेदारी निभाने वाले ये सचिव बेहद कम वेतन में काम करने को मजबूर हैं। यही कारण है कि अब वे आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।अब देखना यह होगा कि सरकार पंचायत सचिवों की मांगों को गंभीरता से लेती है या नहीं। लेकिन यह तय है कि अगर सचिवों का यह आंदोलन लंबा खिंचा, तो प्रदेश के पंचायत स्तर पर विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।


सचिवों पर दमन का प्रयास, लेकिन आंदोलन जारी


पंचायत विभाग के संचालक द्वारा 24 घंटे के भीतर हड़ताल खत्म करने और ड्यूटी पर लौटने का आदेश जारी किया गया है, जिससे सचिवों में आक्रोश बढ़ गया है। संघ ने इसे आंदोलन कुचलने की साजिश बताते हुए कहा है कि सरकार को इस तरह की दमनकारी नीति अपनाने के बजाय सचिवों की मांगों को पूरा करना चाहिए।


आंदोलन की वजह से ठप हुआ पंचायत विभाग


प्रदेशभर में पंचायत सचिवों की हड़ताल के चलते ग्राम पंचायतों का कामकाज ठप पड़ा हुआ है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है, लेकिन नए पंचायत पदाधिकारी शपथ लेने के बावजूद कार्यभार नहीं संभाल पा रहे हैं। इससे न केवल विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


1 अप्रैल को सचिवों का शक्ति प्रदर्शन, सरकार पर बढ़ेगा दबाव


यदि 31 मार्च तक सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो 1 अप्रैल को प्रदेशभर के पंचायत सचिव राजधानी रायपुर कूच करेंगे और मंत्रालय का घेराव करेंगे। संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज होगा।

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad