अमृत सरोवर बना सौंदर्यकरण के नाम पे भ्रष्टाचार का अड्डा
अजय नेताम / तिल्दा नेवरा शासकीय योजना अमृतसरोवर के तहत कंवल सागर तालाब खैरखूंट पंचायत में पूर्व कार्यकाल में ही योजना अपने नींव से ही भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया है वर्तमान में अनियमितता इतनी की कोशिश करने पर भी कार्य नही बन पा रहे कहते है न जब नींव ही खराब हो तो ढांचा कहा सही होगा उसका जीता जागता उदाहरण खैरखूंट पंचायत के पूर्व कार्यकाल से चली आ रही अमृतसरोवर योजना का हाल न तालाब के पार का पता न पत्थरों का ठिकाना वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों के विरोध के बाद काम सही तरीका से करने की बात कहीं गई साथ ही यह अनियमितता पूर्व कार्यकाल में हुआ है यह स्वीकार किया गया किंतु कार्य सुधार अभी भी नहीं है जहां न तो कोई सरकारी इंजिनियर को कोई सुध लेने का समय है न ठिकाना योजना केवल कागजी हो रहीं है इतनी बड़ी योजना बिना इंजीनियर के कैसे फल फूल रही है इस्टीमेट को न इंजीनियर आ के मौके पर न देख रही है न निर्देशित जो चीजे आम जनता जन प्रतिनिधि देख पा रहे हो जिम्मेदार अधिकारी नहीं ऐसे में आज चुन के आए जनप्रतिनिधि ऐसे अधूरे कार्यों में अपना हाथ कैसे डाले , दूसरे पंचायतों में इसी योजना का संचालन यहां से ठीक हो रही है जबकि यहां का कार्य सौंदर्यकरण ऐसे लग रहा मानो उसे खराब कर रहा हो ग्रामीण ऐसे अनैतिक कार्य के विरोध में है
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