संकष्ट चतुर्थी व्रत आज ,गणेश जी की कृपा से सभी संकट समाप्त होते हैं ।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
सनातन धर्मावंलिबीयों में श्री गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता का स्थान दिया गया है। घर-परिवार में होने वाले सभी कार्यों की शुरुआत गणपति पूजन के साथ की जाती है । चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन जातक गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। पंचांग के अनुसार हर मास में दो चतुर्थी आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। हर महीने पड़ने वाली चतुर्थी तिथियों के अलग अलग नाम हैं, जिनमें से ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदन्त संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।
एकदन्त संकष्टी चतुर्थी ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी।
एकदन्त संकष्टी चतुर्थी 16 मई 2025, शुक्रवार को है।
चतुर्थी तिथि का प्रारम्भ 16 मई 2025, शुक्रवार को प्रातः 04 बजकर 02 मिनट पर होगा ।
वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 17 मई 2025, शनिवार को प्रातः 05 बजकर 13 मिनट पर होगा।
इस दिन चंद्रोदय रात 10 बजकर 34 मिनट पर होगा।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। बुद्धि एवं विवेक के देवता गणेश जी को समर्पित यह व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और शुभता का वास होता है।
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