रिपोर्टर - भूपेन्द्र सिन्हा
-गरियाबंद, छत्तीसगढ़
किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी, मुद्दा सिंचाई का,
-मलेवांचल क्षेत्र में स्थित सिकासार जलाशय से क्षेत्र में सिंचाई को लेकर क्षेत्रीय किसान संगठन ब्लाक एवं जिला स्तर व क्षेत्र के विधायक तक इस बैठक में शामिल हुए। बता दें तो कि सिकासार जलाशय से इस क्षेत्र में सिंचाई को लेकर किसानों की बहुत पुरानी मांग है लेकिन अभी तक उनकी यह मांग पुरी नहीं हो पाई है।
वहीं फिर एक बार सिकासार जलाशय से कोड़ार जलाशय में पानी ले जाने हेतु सर्वे हो चुका है वहीं छब्बीस सौ करोड़ डीपीआर भी प्रशासनिक स्तर पर मंजूर भी हो गया है।
वहीं क्षेत्र के स्थानीय किसानों एवं जनप्रतिनिधियों का मांग है कि इस क्षेत्र से कोड़ार जलाशय पानी ले जाने की योजना में उन्हें भी सिंचाई की सुविधा मिले।
इसी परिप्रेक्ष्य में रविवार 25 मई को सुबह 11 बजे पीपरछेड़ी में विश्राम गृह भवन में क्षेत्र के किसान एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बैठक संपन्न हुआ। जिसमें क्षेत्रीय विधायक जनक ध्रुव एवं जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम सहित क्षेत्र के जनपद सदस्य व सरपंच, सामाजिक कार्यकर्ता एवं किसान भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। अवगत हो कि पिछले बैठक के में पिपरछेड़ी में जो निर्णय लिया गया था संबंधित अधिकारी से जो डेलिगेशन की टीम मिली थे उसमें जो जानकारी अधिकारी बताये उसके अनुरूप काम नहीं हुआ। साथ ही किसानों का कहना है कि हमारे साथ धोखा किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर पिपरछेड़ी में मलेवा अंचल किसान संघ के नेतृत्व मे मीटिंग आहूत किया गया है। जिसमें सभी के मार्गदर्शन और सुझाव लिया गया और किसान संगठन एवं जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में पहले राजधानी रायपुर पहुंच संबंधित मंत्री से मुलाकात करेंगे कर मुद्दे से रूबरू कराया जाएगा और मांग पुरी नहीं होती है तो किसानों का धरना-प्रदर्शन और आंदोलन शुरू होगी।
वहीं किसानों और जनप्रतिनिधियों का साफ तौर पर कहना है कि जब तक क्षेत्र के किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं मिलेगी बाहर सिकासार जलाशय का पानी नहीं ले जाने देंगे। शुरू में जब बांध का निर्माण हुआ तब भी उन्हें पानी नहीं मिल पाया राजिम क्षेत्र सिंचाई के लिए ले जाया गया और फिर एक बार बाहर क्षेत्र पानी ले जाने की तैयारी है इस प्रकार का छल बार बार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं क्षेत्रीय विधायक द्वारा कहा गया कि इस मामले को सदन में मानसून सत्र में एक बार फिर से उठाया जाएगा और सभी जनप्रतिनिधियों ने कहा कि इस मुद्दे पर हम हर परिस्थिति में किसान के साथ हैं।
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