भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पिथौरा नगर भ्रमण कर पहुंचे मौसी के घर।
पिथौरा शहर में 100 वर्षों से अधिक रथ यात्रा निकालने की परंपरा है यहां की रानी विष्णु प्रिया के द्वारा 100 वर्ष पहले रथ यात्रा निकाली गई थी जो परंपरा आज तक चली आ रही है यह रथ यात्रा आदिवासी समाज शीतल समाज एवं भगवान जगन्नाथ समिति के मार्गदर्शन में निकल जाती है।हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा निकाली जाती है इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण करते हुए अपनी मौसी के घर जाते हैं सप्ताह भर अपने मौसी के यहां विभिन्न पकवान खाते हैं यही परंपरा सदियों से चली आ रही है पिथौरा शहर में इस वर्ष बहुत ही ज्यादा भीड़ देखने को मिला इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन सतर्क रही रथ यात्रा में शामिल होने के पश्चात पिथौरा शहर में शहीद भगत सिंह मैदान पर अब तक के सबसे बड़ा मीना बाजार लगा हुआ है वहां जाकर आनंद उठा रहे हैं मीना बाजार में खाने-पीने साथ साथ साथ-साथ विभिन्न प्रकार के झूले भी हैं यहां भीड़ नियंत्रण करने के लिए पुलिस नियंत्रण कक्ष बनाया गया है विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा आए हुए दर्शनार्थियों को केला शरबत वितरण किया गया।
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