श्रद्धा एवं उत्साह से मनाया गया हरेली त्यौहार
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर - छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार हरेली श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया। गांवों में किसानों द्वारा कृषि कार्य में उपयोग में आने वाले हल सहित अन्य औजारों की साफ सफाई कर चांवल के आटे से बनी चीला रोटी का भोग लगाकर पूजा अर्चना की गई। उन्होंने भगवान से अच्छी फसल की प्रार्थना की। हरियाली त्यौहार को लेकर बच्चों एवं किसानो ं में खासा उत्साह देखने को मिला।
चरवाहा ने हरेली पर सुबह-सुबह लोगों के घर जाकर नीम की टहनी को मुख्य द्वार व कृषि औजारों पर लगाया। मान्यता है कि घरों के आगे नीम की टहनी लगाने से घर का वातावरण स्वच्छ रहता है , जिससे घर के सदस्य बीमार नहीं पड़ते हैं। हरेली पर घरों में पारंपरिक पुड़ी , गुलाब जामुन , पकौड़े , बड़ा आदि बनाये गये। कृषि औजारों की पूजा करने के बाद लोगो ने इन व्यंजनों का सेवन किया और एक-दूसरे के घर जाकर हरेली की बधाई देने के साथ पकवानों का स्वाद लिया। हरेली पर कई गांवों में खेल का भी आयोजन हुआ , जिसमें महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हरेली पर गेड़ी चलाने की परम्परा है , जिसका पालन करते हुये गांवों में बच्चे गेड़ी पर चढ़कर कीचड़ से भरी गलियों में दौडते नजर आये। वहीं युवाओं ने नारियल फेंककर दांव लगाया। ग्रामीण इलाकों में विविध खेलकूद का आयोजन हुआ , इस दिन लोग हरेली के उत्साह में दिखाई दिये। त्यौहार के चलते नगर की सड़के वीरान नजर आई , नगर के अधिकांश व्यापारी वर्ग ने भी एक दिन छुट्टी मनाई। गांव के बड़े-बुजुर्गों ने युवा पीढ़ी को इस पर्व का महत्व बताया और परंपराओं को संजोने पर जोर दिया। इस त्योहार के मौके पर ग्रामीणों ने एक-दूसरे को हरेली की शुभकामनायें दीं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामूहिकता और आपसी सहयोग का संदेश दिया। हरेली त्योहार ना केवल कृषि पर निर्भर ग्रामीण समाज की आस्था का प्रतीक है , बल्कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी अभिन्न अंग है। इस प्रकार के त्यौहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं और नई पीढ़ी को हमारी परंपराओं से जोड़ते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हरेली त्योहार हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का मौका देता है और हमारी जीवन शैली का अहम हिस्सा है। वहीं आज हरेली त्यौहार पर भाटापारा ग्रामीण थाना प्रभारी निरीक्षक लखेश केवट के सुपुत्र जीग्यांश केवट का वायरल फोटो भी चर्चा का विषय रहा , जिसमें वो अपने प्लास्टिक के खिलौने जो किसानों द्वारा खेती कार्य में उपयोग किया जाता है उनका भी श्रद्धा और भावना के साथ पूजा पाठ करते नजर आ रहा है।
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