सारंगढ़ रिपोर्टर - अरुण ग्रेवाल
खबरों मे चर्चित बिलाईगढ़ C M O मामला 10 साल पूर्व बने गुणवत्ताहीन सीसी रोड निर्माण का भुगतान सवालों के घेरे में
सारंगढ बिलाईगढ। यह पूरा मामला जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के नगर पंचायत बिलाईगढ़ का है जहां सीएमओ सुशील चौधरी के द्वारा 10 साल पूर्व गुणवत्ताहीन सीसी रोड निर्माण कार्य का भुगतान किया जाना नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है
मिली जानकारी के अनुसार अधो संरचना मद अंतर्गत वर्ष 2016-17 में नगर पंचायत बिलाईगढ़ के द्वारा वार्ड क्रमांक 09 मोहन मोची घर से मेन रोड तक सीसी रोड निर्माण कार्य कराया गया था जो बहुत ही घटिया एवं गुणवत्ताहीन होने के कारण दो बार कोर कटिंग में फेल हो गया था जिसकी उच्च स्तरीय जांच प्रस्तावित की गई थी
उक्त सीसी रोड निर्माण कार्य का भुगतान तत्कालीन अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं परिषद के द्वारा आपत्ति उपरांत रोके जाने की बात सामने आई थी इतना ही नहीं प्री ऑडिट के दौरान भी भुगतान के संबंध में निर्देशित किया गया था। वर्तमान सीएमओ सुशील चौधरी का पूर्व पदस्थापना के दौरान भी उक्त विवादास्पद सीसी रोड निर्माण कार्य का भुगतान करने से मना कर दिया गया था
किंतु सीएमओ चौधरी का पुनः पदस्थापना होने पश्चात उनके और ठेकेदार के मध्य ऐसा क्या सामंजस्य हुआ
कि उक्त 10 साल से लंबित विवादास्पद सीसी रोड निर्माण जो गुणवत्ता युक्त नहीं होने एवं दो बार कोर कटिंग में फेल हुए कार्यों का कागज मात्रा में पास कराया जाकर तथा वर्तमान परिषद से स्वीकृति लिए बगैर दिनांक 13 मार्च 2025 को राशि 16 लाख 62 हजार 942 का भुगतान कर दिया गया जो संदेहास्पद और सवालों के घेरे में है जो जांच का विषय है।
कुछ महीने पहले भी सुशासन तिहार में लापरवाही एवं झूठे अवैध निर्माण नोटिस को लेकर मीडिया प्रकाशन भी हुआ था किंतु शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुआ। उक्त सीएमओ द्वारा लगातार तानाशाही रवैया अपनाते हुए शासन प्रशासन के नियमों को धज्जियां उड़ाते हुए जन हितैषी योजनाओं के क्रियान्वयन के बजाय अपनी जेब भरने भ्रष्टाचार किया जा रहा है। वही शासन प्रशासन मूक दर्शक बनी हुई है जिससे दिनों दिन सीएमओ सुशील चौधरी का हौसला बढ़ता जा रह है। एवं नगरवासियों को धमकाया जा रहा है। जिससे नगरवासी आक्रोशित है। जो कभी भी अप्रिय घटना गठित हो सकती है। इस संबंध में नगर वासियों द्वारा शीघ्र कार्यवाही की मांग की जा रही है। अन्यथा उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होने की बात कही जा रही है। अब देखना होगा कि शासन प्रशासन इसमें कोई कार्यवाही करता है या मूक दर्शक बन किसी घटना की प्रतिक्षा करता है।
सवाल ये भी है कि क्या कारण है कि उच्च अधिकारियों और शासन प्रशासन C M O का हरकत को नजर अंदाज किया जा रहा है या सफेद पोस नेताओं और उच्चाधिकारियों का संरक्षण होना कहना कोई गलत नहीं होगा।
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