विद्यालयीन समय में परिवर्तन कर बच्चों की नैसर्गिक स्वतंत्रता, शारीरिक एवं मानसिक विकास पर गहरा आघात – शासन का निर्णय छात्रों के हित में नहीं : रतन सिंगी
खैरागढ़ नगर पालिका परिषद के पूर्व एल्डरमैन रतन सिंगी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि शासन द्वारा दिनांक 22 जुलाई 2025 को जारी आदेश अनुसार शनिवार को विद्यालयीन समय को प्रातः 7:30 बजे से परिवर्तित कर प्रातः 10:00 बजे से सायं 4:00 बजे तक किए जाने का निर्णय छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के व्यापक हितों के विपरीत है।रतन सिंगी ने कहा कि विगत वर्षों से विद्यालयों का संचालन शनिवार को सप्ताह में एक दिन प्रातः कालीन सत्र में किया जाता था, जिससे बच्चों को शारीरिक खेलकूद,योगा, रचनात्मक गतिविधियाँ, पारिवारिक समय और मानसिक विश्राम के पर्याप्त अवसर मिलते थे। लेकिन अब सायं तक विद्यालय खुलने से बच्चों की रचनात्मकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, उनकी स्वतंत्रता सीमित होगी और मानसिक थकावट का स्तर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न शैक्षणिक, शारीरिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ केवल प्रातः कालीन समय में ही प्रभावी रूप से संचालित हो सकती हैं। यह बदलाव बच्चों को मशीन बना देने जैसा है, जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। रतन सिंगी ने शासन से आग्रह किया कि छात्रों के सर्वांगीण हित को प्राथमिकता देते हुए इस आदेश पर तत्काल पुनर्विचार किया जाए तथा पूर्ववत शनिवार को प्रातःकालीन समय को बहाल किया जाए
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