इंदिरा एकादशी हिंदूधर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत और धार्मिक पर्व है। यह एकादशी तिथि को पड़ता है, जो चंद्रमा के मास के ग्यारहवें दिन होती है।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और पापों से मुक्ति के लिए किया जाता है। पुराणों में वर्णित है कि इस दिन व्रत करने से इंद्र और अन्य देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को भौतिक तथा आध्यात्मिक लाभ होता है।
इन्दिरा एकादशी
16 सितम्बर 2025 मंगलवार को रात्रि 12:21 से 17 सितम्बर, बुधवार को रात्रि 11:39 तक (यानि 17 सितम्बर, बुधवार को पूरा दिन) एकादशी है। विशेष - 17 सितम्बर, बुधवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।
भाद्रपद के कृष्णपक्ष में ‘इन्दिरा’ नाम की एकादशी होती है। उसके व्रत के प्रभाव से बड़े-बड़े पापों का नाश हो जाता है । नीच योनि में पड़े हुए पितरों को भी यह एकादशी सदगति देनेवाली है ।
मध्याह्नकाल में पितरों की प्रसन्नता के लिए शालग्राम शिला के सम्मुख विधिपूर्वक श्राद्ध करें तथा दक्षिणा से ब्राह्मणों का सत्कार करके उन्हें भोजन कराएं। पितरों को दिये हुए अन्नमय पिण्ड को सूँघकर गाय को खिला दो । फिर धूप और गन्ध आदि से भगवान ह्रषिकेश का पूजन करके रात्रि में उनके समीप जागरण करें। तत्पश्चात् सवेरा होने पर द्वादशी के दिन पुनः भक्तिपूर्वक श्रीहरि की पूजा करें । उसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर भाई बन्धु, नाती और पुत्र आदि के साथ स्वयं मौन होकर भोजन करें।
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