रानी दुर्गावती की शौर्यगाथा अमर! बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने भीथीडीह में प्रतिमा का किया अनावरण, आदिवासी समाज को किया संबोधित
रानी दुर्गावती की प्रतिमा का विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने किया अनावरण,कहा- वीरांगना का बलिदान आदिवासी समाज की अमूल्य विरासत
भीथीडीह में गूंजी रानी दुर्गावती की गाथा, विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने किया प्रतिमा अनावरण; 'नारी शक्ति' को बताया प्रेरणास्रोत
भीथीडीह में डॉ. संपत अग्रवाल ने किया रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण, आदिवासी समाज के उत्थान पर दिया जोर
विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने रानी दुर्गावती को बताया 'साहस की प्रतीक', भीथीडीह में प्रतिमा अनावरण कर कहा- उनकी शौर्यगाथा अमर है,
कुंजराम यादव बसना रिपोर्टर
पिथौरा । बसना विधानसभा क्षेत्र के पिथौरा विकासखंड के ग्राम भीथीडीह में आज महान वीरांगना रानी दुर्गावती की जयंती बड़े ही उत्साह और गरिमामय वातावरण में मनाई गई। इस अवसर पर रानी दुर्गावती की नवनिर्मित प्रतिमा का भव्य अनावरण भी किया गया।
यह ऐतिहासिक कार्यक्रम आदिवासी महासंघ कौड़ीया, सर्व आदिवासी समाज एवं अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें बसना के लोकप्रिय विधायक डॉ. संपत अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने रानी दुर्गावती की प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद उन्होंने विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य, बलिदान और नेतृत्व क्षमता पर प्रकाश डाला।
विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम सभी एक ऐसी महान वीरांगना को याद करने के लिए एकत्रित हुए हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। रानी दुर्गावती केवल एक रानी नहीं थीं, बल्कि वह शौर्य, साहस और स्वाभिमान की साक्षात प्रतीक थीं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि जब बात देश और धर्म की रक्षा की हो, तो हमें अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करनी चाहिए।
विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने आगे कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने गोंडवाना राज्य को मुगल शासकों के सामने झुकने नहीं दिया। उन्होंने वीरतापूर्वक युद्ध लड़ा और यह साबित किया कि नारी शक्ति किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। उनका बलिदान हमें आज भी अन्याय और अत्याचार के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने आगे कहा, 'रानी दुर्गावती जी का गौरवशाली इतिहास हमारे आदिवासी समाज के लिए एक अमूल्य विरासत है। यह प्रतिमा केवल पत्थर की मूर्ति नहीं है, बल्कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह उन्हें याद दिलाएगी कि हमारे समाज का इतिहास कितना समृद्ध, वीर और तेजस्वी रहा है।
हमारा यह प्रयास है कि हमारे महापुरुषों के त्याग और बलिदान को सम्मान मिले और उनकी शौर्यगाथाएं जन-जन तक पहुंचें। मैं आदिवासी महासंघ, सर्व आदिवासी समाज और अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ को इस प्रेरणादायक आयोजन के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूँ। आप सभी से मेरा अनुरोध है कि रानी दुर्गावती के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और एक सशक्त, शिक्षित एवं संगठित समाज के निर्माण में अपना योगदान दें। सरकार भी आदिवासी समाज के उत्थान और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और हम सब मिलकर क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि ओमप्रकाश चौधरी,जिला पंचायत उपाध्यक्ष भीखम ठाकुर,नगर पंचायत अध्यक्ष देवेश निशाद,जिला पंचायत सदस्य रामदुलारी सिंहा, गौड समाज जिला अध्यक्ष मनराखन ठाकुर,पूर्व जिला अध्यक्ष मोहित ध्रुव,जनपद सदस्य सृष्टि ध्रुव, युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य स्वप्निल तिवारी, सीता राम सिंहा,पार्षद मन्नू लाल ठाकुर,सरपंच प्रेमशीला चक्रधर,प्रियरंजन कोसरिया, सांसद प्रतिनिधि मनजीत छाबड़ा, उपसरपंच शैलेन्द्र डड़सेना,मनमोहन जैन ,आयोजन समिति के हरि नेताम, रामकुमार ठाकुर, प्रेम ठाकुर ,राम खड़िया, पूर्व सरपंच सुनीता डड़सेना, लाला राम डड़सेना, अशोक डड़सेना रामाधीन सिंहा, शिवलाल चौधरी,विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, गणमान्य नागरिक, एवं बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम न केवल रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि देने का माध्यम बना, बल्कि इसने क्षेत्र के लोगों में एकता और सामाजिक समरसता की भावना को भी मजबूत किया।


















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