केंदा क्षेत्र के नागरिक शराब दुकान हटाने की मांग पर अड़े, 2 दिसंबर को पुनः ग्रामीणों ने चक्का जाम की चेतावनी दी
CNI NEWS दिलीप सोनवानी की रिपोर्ट बेलगहना बिलासपुर ......
बिलासपुर। बेलगहना तहसील अंतर्गत केंदा में शासकीय शराब दुकान के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। बीते 17 नवंबर को केंदा–मरवाही मुख्य मार्ग पर ग्रामीणों ने चक्का जाम कर प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर शराब दुकान हटाने का अल्टीमेटम दिया था।
उस दौरान तहसीलदार बेलगहना द्वारा आश्वासन दिया गया था कि दुकान का स्थान परिवर्तन कर दिया जाएगा, लेकिन निर्धारित समय बीतने के बाद भी कार्रवाई न होने से लोगों में गहरा आक्रोश है।
इसी को लेकर मंगलवार को मानिकपुर, सिलपहरी, केंदा सहित आसपास के गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में बेलगहना तहसील पहुंचे और तहसीलदार के माध्यम से प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि शराब दुकान को तत्काल मुख्य मार्ग से नहीं हटाया गया तो वे 2 दिसंबर को पुनः चक्का जाम करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ग्रामीणों ने बताया कि शराब दुकान की वजह से क्षेत्र में लगातार असामाजिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। स्कूल आने-जाने वाले छात्र–छात्राओं, कामकाजी महिलाओं और ग्रामीणों को शराबियों की गाली-गलौज, छेड़खानी और झगड़े जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य मार्ग पर स्थित दुकान रोजमर्रा की आवाजाही को असुरक्षित बना रही है।
इस मुद्दे पर पूर्व मंडी एवं जनपद अध्यक्ष कोटा, संदीप शुक्ला ने भी ग्रामीणों के आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा केंदा में स्थापित मदिरा दुकान का स्थान परिवर्तन न किया गया तो क्षेत्र की जनता अपना विरोध और तेज करेगी तथा आंदोलन जारी रखेगी।
ग्रामीणों का कहना है कि वे शराब दुकान हटाने की मांग पर पूरी तरह एकजुट हैं और प्रशासन को जल्द से जल्द उचित निर्णय लेना चाहिए।



















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