राजा शर्मा घरघोड़ा रिपोर्टर
*वक्त मुश्किल है पर चला जाएगा*
आज अंधेरा है तो क्या हुआ कल फिर रोशनी आएगी
आज मुरझाई है यह जीवन की कली कल फिर खिल जाएगी। आज देश शांत है हम कल फिर झूमेंगे
एक दिन अपने गली मोहल्लों में फिर से घूमेंगे।
वक्त कठोर है पर हम लड़ेंगे
हमें जीतना है इस बात पर अणेंगे।
हमें यह जंग कोरोना योद्धा जिताएंगे
इस अंधेरे से खींचकर रोशनी में ले आएंगे।
जिनके घर हमने छीने थे उन्हें उनका घर मिल रहा है
नदी साफ हो रही है धरती एक बार फिर खिल रहा है।
हमने जिन्हें कैद करना चाहा उनकी हथकड़ियां टूट गई हैं
इतना खेला हमने की प्रकृति हमसे रूठ गई है।
यह लम्हा बस कुछ वक्त का है चला जाएगा
खुशी का वक्त फिर से लौट आएगा।
जिन्हें बचाव और लौकडाउन की बात बेवजह लगती है
अरे उनका क्या कहना जिन्हें परिवार के साथ रहना सजा लगती है।
आज हमें बचाने लाखों अपने घर से मुंह मोड़ आए हैं
हमें जिंदा करने जीने की इच्छा छोड़ आए हैं ।
इस अंधेरी रात में हमें चांद के रोशनी का सहारा मिला है
डूबते डूबते समुंदर में मानो छोटा सा किनारा मिला है ।
बस इसी सहारे यह वक्त कट जाएगा
कल की रोशनी से आज का अंधेरा हट जाएगा।
अनुष्का पांडे, 11वीं क्लास jspl स्कुल की होनहार छात्रा है इतनी छोटी उम्र में इन्होंने कई ऐसी कविताएं एवं लेख लिखे हैं जो लोगों को प्रभावित कर रही है ऐसे टैलेंटेड बच्चों को बढ़ावा के लिए प्रशासन को आगे आकर मदद करनी चाहिए यही आने वाली नई पीढ़ी देश के भविष्य हैं स्थानीय सामाजिक संस्थाअो को ऐसे प्रतीभाशाली बच्चो को समय समय में सम्मान कर हौसला बुलंद कर बढ़ावा देना चाहिए तब जाकर प्रतिभा और निखरेगी
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