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Friday, May 14, 2021

रायपुर अक्षय तृतीया पर्व पर नन्हे नन्हे बच्चों ने रचाई गुड्डे और गुड़ियों की शादी ।

 छोटू यादव/ रायपुर अक्षय तृतीया पर्व पर नन्हे नन्हे बच्चों ने रचाई गुड्डे और गुड़ियों की शादी ।

अक्षय‌ तृतीया पर्व पर रायपुर के महादेव घाट स्थित सत्यम विहार कालोनी देवांगन बाड़ी के पास  रहने वाले बच्चों ने धुमधाम से गुड्डा -गुडियों की शादी रचाई ।जिसकी तैयारी  गीता विश्वकर्मा के सहयोग से आसपास के बच्चियों    कनिसा, संवी, रिद्धि, डुग्गु, श्री, सोना, गीता ने मिलके दोपहर से तैयारियां शुरू कर की  रात 8 बजे बाजे गाजे के साथ  गुड्डा गुड़िया विवाह कार्यक्रम संपन्न किए आयोजित किये।

अक्षय तृतीया को छत्तीसगढ़ का पहला तिहार माना जाता है इस दिन गांव शहरों में गुड्डा ,गुड्डी की विवाह किया जाता है इसी दिन से छत्तीसगढ़ में विवाह शुरू होती है 
अक्षय तृतीया दिन का महत्व ऐसा है की बिना पंचांग देखे ही इस दिन  सभी तरह के शुभ संस्कार संपन्न किए जा सकते हैं, । इस महामुहूर्त को छत्तीसगढ़ में 'अक्ती' के रूप में जाना जाता है। माता-पिता अपने विवाह योग्य बच्चों का विवाह इस दिन पंडितों, पुजारियों से पूछे बिना ही तय कर देते हैं। वे जानते हैं कि यह अबूझ यानी महामुहूर्त है। इस मुहूर्त में 
इस दिन सभी तरह के नए व्यवसाय का शुभारंभ, गृह प्रवेश, सगाई, शादी, नामकरण, जनेऊ संस्कार करने से वह फलदायी होता है। छत्तीसगढ़ में अक्ती को खास महत्व दिया गया है। इस दिन गांव-गांव में बच्चे गुड्डा-गुड़िया का ब्याह पूरे रीति-रिवाज से निभाते हैं। रीति-रिवाज को निभाने में माता-पिता, रिश्तेदार, पड़ोसी सहयोग करते हैं और बच्चों को महत्व भी समझाते हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी अक्षय तृतीया के पर्व पर कोरोना का साया रहा ।और गुड्डा गुड्डी की शादी पिंकी नजर आई।

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