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Tuesday, June 15, 2021

जीवामृत के प्रयोग से बढ़ती है जमीन की उर्वरा शक्ति--किशोर राजपूत

 



एक देसी गाय के गोबर से 30 एकड़ में कर सकते हैं खेती


जीरो बजट खेती प्राकृतिक संसाधनों पर है निर्भर


देव यादव CNI बेमेतरा

नवागढ़/बेमेतरा

जलवायुपरिवर्तन की मार झेल रहे किसानों के लिए जीरो बजट प्राकृतिक खेती का मॉडल वरदान बनकर सामने आया है। एक देसी गाय के गोबर से 30 एकड़ खेत में बंपर फसल पैदा की जा सकती है। गाय के गोबर से बना जीवामृत फसलों के लिए अमृत है। फसलों की पैदावार के लिए जिन जीवाणुओं की जरूरत होती है, वह जीवामृत देता है। खेतों में सिंचाई के साथ किए गए जीवामृत के प्रयोग से उर्वरा शक्ति बढ़ती है और रोगमुक्त फसल पैदा होती है। पहली बार में ही यह भरपूर पैदावार देना शुरू कर देता है। रासायनिक जैविक खेती की तुलना में फसल का उत्पादन भी अधिक होता है।


युवा किसान किशोर राजपूत  ने बताया कि पानी का संकट सबसे बड़ा संकट है। हवा में नमी के रूप में पानी होता है लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते। खेत में जीवामृत डालने से ह्यूमस बढ़ जाता है और एक किलो ह्यूमस हवा से छह लीटर तक पानी अवशोषित कर लेता है। जिससे खेती के दौरान 80 प्रतिशत तक पानी बचा सकते। हजारों किसान आज जीवामृत के जरिए जीरो बजट प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। जिसका किसानों का पूरा लाभ मिलता है।


प्राकृतिक खेती में नवाचार करने वाले  किशोर राजपूत का कहना है कि गौवंश आधारित प्राकृतिक खेती प्रणाली में सब कुछ प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है। प्राकृतिक संसाधनों और उत्पादों के सदुपयोग से किसान भरपूर फसल उगाकर लाभ कमा रहे हैं, इसीलिए इसे जीरो बजट खेती का नाम दिया गया है। देश भर में हजारों की संख्या अधिक किसान इस कृषि प्रणाली को अपना चुके हैं।


विशेषज्ञों के अनुसार जीरो बजट प्राकृतिक कृषि में किसानों को खेती करने के लिए बाहर से कोई भी तत्व खरीदने और डालने की आवश्यकता नहीं है। खेती में सही तकनीक के उपयोग से भूमि वातावरण से ही फसलों की पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। किसान एक देसी गाय से 30 एकड़ भूमि पर सफलतापूर्वक खेती कर सकता है। शून्य लागत प्राकृतिक कृषि तकनीक में कृत्रिम उत्पादों का प्रयोग होने के कारण वातावरण पर भी इस का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। पर्यावरण और इस खेती से उगने वाला अनाज रसायनमुक्त होता है। इस कृषि पद्धति में देसी गाय, पारंपरिक देसी बीजों का संरक्षण पर बल दिया जाता है।





देव यादव

सी एन आई न्यूज़ बेमेतरा छत्तीसगढ़

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