खैरागढ़-:सिविल लाईन से हटाये गये छोटे कब्जाधारी, बड़े अभी भी काबिज एक ने दिखाया आत्महत्या का डर तो एक खड़ी हो गई जेसीबी के सामने नगर पालिका पर प्रभावित लगा रहे मुंहदेखी कार्यवाही का आरोप
खैरागढ़, संगीत नगरी में सबसे खूबसूरत व आलीशान इलाके के रूप में अपनी पहचान रखने वाले सिविल लाईन वार्ड के मुख्य मार्ग से नगर पालिका ने मंगलवार को मुहिम चलाकर कुछ अतिक्रमणकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है. अतिक्रमण हटाने पालिका की कार्यवाही में छोटे कब्जाधारियों को तो हटा दिया गया है लेकिन सिविल लाईन से होकर गुजरने वाले कवर्धा छुईखदान स्टेट हाईवे पर बड़ी दुकान जमाकर बैठने वाले कुछ अतिक्रमणकारियों को पालिका प्रशासन चाहकर भी नहीं हटा पायी. इस इलाके में लगातार हो रहे अतिक्रमण को लेकर पहले भी नगर के नागरिकों की ओर से ही कई बार आपत्तियां आ चुकी है लेकिन कोरोना काल और फिर चुनाव की सरगर्मियों के बीच बीते 2 वर्षों से अतिक्रमण नहीं हट पा रहा था जिसकी वजह से सिविल लाईन से होकर गुजरने वाले स्टेट हाईवे में हर महीने एक नया अतिक्रमण अपनी बुनियाद पक्की करने में लगा हुआ था.
विरोध के बाद तीन बड़े अतिक्रमणकारियों को मिला अभय दान
नगर पालिका प्रशासन मंगलवार की मध्यान्ह तकरीबन 12 बजे जेसीबी, ट्रैक्टर व दल-बल सहित सिविल लाईन से होकर गुजरने वाले स्टेट हाईवे मार्ग में पहुंचे, अतिक्रमण से बुरी तरह प्रभावित यह वह इलाका है जहां बड़े प्रशासनिक अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों का न केवल दफ्तर है बल्कि उनके आवास भी 100 मीटर के दायरे के अंदर मौजूद है जिनमें खैरागढ़ टीआई राजेश कुमार साहू, स्वयं मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीमा बख्शी व पालिका की सब इंजीनियर दीपाली तंबोली का आवास, बोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता एके चौहान, अनुविभागीय अधिकारी पिपरिया परियोजना एके बख़्शी का कार्यालय व आवास दोनों मौजूद हैं वहीं इसी इलाके में नगर पालिका व जनपद पंचायत खैरागढ़ के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह का निज कार्यालय मौजूद है बावजूद इसके इस इलाके में अतिक्रमण सुरसा की भांति पैर पसार रहा है. अतिक्रमण हटाने पालिका ने हिम्मत तो दिखाई लेकिन छोटे व्यापारी ही अतिक्रमण की भेंट चढ़े जिनमें फुटपाथ पर बांस बल् ली लगाकर दरी रजाई बेच रहे फेरी वाले ग्राम खैरबना से 15 किमी की दूरी तय कर सेलून चलाने वाले सुरेन्द्र सेन व कुछ छोटे ठेले खोमचे वाले प्रभावित हुये हैं वहीं बड़े स्तर पर कब्जा कर दुकानदारी करने वाले अतिक्रमणकारियों को छोड़ दिया गया है.
विश्वविद्यालय कैम्पस-2 व न्यायालय के पास हुआ है अधिक अतिक्रमण
अतिक्रमणकारियों ने विश्वविद्यालय के कैम्पस-2 व न्यायालय परिसर के पास सबसे अधिक अतिक्रमण कर रखा है जिसके कारण नगर के सबसे खूबसूरत इलाके की तस्वीर बिगड़ रही है. अतिक्रमण हटाने पालिका की मुहिम काबिल-ए-तारीफ है लेकिन केवल छोटे व्यापारियों व कब्जाधारियों पर बुल्डोजर चलाने मात्र से पालिका प्रशासन की फजीहत भी हो रही है. इस तरह से पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है वहीं न्यायालय के समीप व पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के पास जहां से 100 मीटर की दूरी पर न्यायाधीश महोदया व डीएसपी का भी आवास है ऐसे में अतिक्रमण को बल मिलना समझ से परे
है.
एक ने दी आत्महत्या की धमकी तो दूसरी अतिक्रमणकारी महिला खड़ी हो गई जेसीबी के सामने
अतिक्रमण हटाने के दौरान पालिका प्रशासन का अमला दो कदम पीछे ही दिखा जब पान की दुकान चलाने वाले अतुल सिंह उर्फ गुड्डा ने दुकान तोड़े जाने पर आत्महत्या की धमकी दी वहीं न्यायालय परिसर के पास फल की दुकान लगाने वाली राधा सोनी की सास जेसीबी के सामने आकर खड़ी हो गई. इसके बाद अतिक्रमण हटाने पालिका का हौसला भी पस्त हो गया और तोडू अमला वापस लौट गया वहीं अतिक्रमण से प्रभावित कुछ दुकानदार अपनी फरियाद लेकर नगर पालिका पहुंचे थे और उन्होंने अध्यक्ष-उपाध्यक्ष सहित परिषद् के निर्वाचित सदस्यों से अतिक्रमण हटाने पालिका के अभियान को रोकने की गुजारिश भी की है.
नोटिस के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है, मौखिक रूप से भी अतिक्रमणकारियों को कई बार सूचना दी गई थी. आगे भी अतिक्रमण हटाने अभियान जारी रहेगा.
सीमा बख्शी, सीएमओ नगर पालिका खैरागढ़
*सीएनआई खैरागढ़ से सोमेश कुमार की रिपोर्ट*
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