नरसिंहपुर संजय साहू की रिपोर्ट
पूण्य सलिला प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा के जन्मोत्सव को एक सप्ताह पूर्व से ही श्रद्धा भक्तभाव , धूमधाम नगाड़ों, चुनारियाँ अर्पण कर मनातें हैं एक सप्ताह पूर्व से ही श्रद्धा भक्ति के भाव जहाँ तहां नजर आने लगतें भक्तों के भाव देखते ही बनते हैं......
नरसिंहपुर जिले में कर्करेखा के रूप में प्रवाहित होती हैं उत्तरतट एवं दक्षिण तट पर स्थापित बिभिन्न घाटों का अपना अपना महत्व हैं लाखों की संख्या में श्रद्धालुजन पूर्णिमा-अमावस्या में श्रद्धा भाव से माँ की आराधना करते हैं श्रद्धालुजन माँ नर्मदा की सेवा पूजन अर्चन अपनी अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति पर पैदल परिक्रमा, दंडवत प्रणाम (सरे भरकर) तो कोई सफाई कर कोई श्रद्धालुओं की सेवा कर ,कन्याओं की पूजन ,मां नर्मदा को चुनारियाँ अर्पण कर पूजन करतें हैं
नरसिंहपुर के बरमान में स्थित ब्रह्मांड घाट जिसे भगवान ब्रह्मा की तपोस्थली भी कहा जाता है वहां नर्मदा भक्तों द्वारा विशाल चुन्नी मां नर्मदा को भेंट की जाती हैं इस दौरान भक्तों का उत्साह देखते ही बनता हैं ढोल बाजों के साथ नाचते गाते महिला एवं पुरुष भक्तों ने मां नर्मदा की पूजन अर्चन कर बड़े भाव से नाव के जरिए चुन्नी को अर्पित किया इस दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ नर्मदा के ब्रह्मांड घाट पर देखने को मिली
नर्मदा जयंती के एक हफ्ते पूर्व से ही नर्मदा भक्तों का उत्साह देखते बनता हैं आस्थानुसार भक्त धूमधाम से जीवनदायिनी माँ नर्मदा का जन्मोत्सव मनातें हैं पूजन अर्चन कर भक्त माँ की साफ सफाई करतें हैं और गंदगी न हो इसके लिए भी भक्त भक्तों से अपील करते हैं भक्तो का मानना है कि पैदल यात्रा से माँ भक्तो की मुराद पूरी करती है। भक्त नरसिंहपुर से 32 KM तक ब्रम्हाण धाट तक की पैदल यात्रा कर पूण्य लाभ कमाते हे।
कही पूड़ी कही फल हलुआ खिचड़ी तो कही चाय काफी की व्यवस्था इन पेदल नर्मदा भक्तो के लिए लोगो द्वारा भंडारे के रूप में जगह जगह इंतजाम किया गया है लोगो का मानना है कि पैदल यात्रियों की सेवा से भी माँ नर्मदा प्रसन्न होती है इन भंडार आयोजकों ने मोदी के स्वछता अभियान का भी पूरा ध्यान रखा जाता हैं और लोगो को सन्देश भी दे रहे है।
. नर्मदा जयंती के ख़ास मौके पर बरमान में मेला लगा होता हैं परंतु कोरोना गाईड लाईन के चलते इस बार मेले में प्रतिवंध लगा हुआ है फिर भी क्षेत्रीय व्यापारियों द्वारा श्रद्धालुओं को पूजन सामग्री जैसी महत्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध रहें इसके लिए व्यवस्था की गई हैं लाखों श्रद्धालु यहाँ दूर दूर से दीप दान करने पहुँचते है शाम होते ही यहाँ का नज़ारा देखने लायक होता है दीपों की कतार देखने में ऐसे लगती जैसे किसी ने नर्मदा के आंचल को सितारों की चुनरी से ढक दिया हो.. .।
जीवन दायनी कही जाने वाली नर्मदा यहाँ के लोगों के लिए सच में किसी वरदान से कम नहीं शायद यही वजह है लोगों की नर्मदा के प्रति आस्था साल दर साल बढ़ती ही जा रही है.।
बरमान घाट पर जाने के लिए जयंती के पूर्व साधू-संतों, भक्तों के जत्थे , चुनरियां यात्रा, पंचकोषी यात्रा ,डोल नगाड़ों की धूम जहां तहां नजर आने लगीं भक्तों में माँ के जन्मोत्सव का उत्साह देखते ही बन रहा हैं
बाईट बैभव शर्मा श्रद्धालु
बाईट रचना शर्मा श्रद्धालु
बाईट अनुराग वासुदेव नर्मदा भक्त संत
बाईट हेमंत वासुदेव नर्मदा भक्त संत
बाईट नर्मदा भक्त संत
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