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Wednesday, February 16, 2022

ग्रामीणों का आरोप…गरीबों का राशन डकारने वाले दुकानदार को किस बात की माफी... फ़ूड स्पेक्टर साहब


ग्रामीणों का आरोप…गरीबों का राशन डकारने वाले दुकानदार को किस बात की माफी... फ़ूड स्पेक्टर साहब

बिलासपुर छत्तीसगढ़ में गरीबों को कम कीमत और मुफ्त में दिए जाने वाले राशन बांटने की योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जितनी तारीफ देश भर में हो रही है उसके उलट केंद्र और राज्य सरकार द्वारा भेजे गए चावल का उठाव करनें वाले दुकानदारों द्वारा गरीबों के हक का राशन को बांटने की बजाय बेच देने का सनसनीखेज मामला सामने आ रहा है वहीं ग्रामीणों द्वारा राशन नहीं मिलने की शिकायत एसडीएम से करनें पर, एसडीएम द्वारा फूड इंस्पेक्टर को जांच का निर्देश दिए जाने के बावजूद फ़ूड इंस्पेक्टर दुकानदारों को बचाने में लगे नजर आते हैं ऐसे में सरकार द्वारा गरीबों के हित मे संचालित महत्वाकांक्षी योजना दम तोड़ती नजर आती है।मामला अनुविभागीय अधिकारी कोटा अंतर्गत ग्राम पंचायत छतौना में संचालित सार्वजनिक


वितरण प्रणाली की शासकीय उचित मूल्य की दुकान का है

 जहाँ ग्रामीणों नें 03/02/22 को एसडीएम कोटा को लिखित शिकायत में बताया है कि दुकानदार द्वारा वर्ष 2021 माह अक्टूबर से उन्हें अतिरिक्त राशन(चांवल) का वितरण नहीं किया गया है।ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम भारद्वाज नें फूड इंस्पेक्टर अजय मौर्य को जांच करनें का निर्देश दिया था।ग्रामीणों का आरोप है कि फूड इंस्पेक्टर अजय मौर्य जांच में आए जरूर थे राशन दुकान में 1 घण्टे बैठकर बाहर निकले और हम शिकायतकर्ता ग्रामीणों से कहा कि दुकानदार को एक बार माफ कर दो। फिर चले गए। ना स्टॉक मिलाया ना हमारा बयान लिया गया।हम गरीबों के हक का राशन डकारने वाले पर कार्यवाही होना चाहिए और हमारा राशन हमें मिलना चाहिए।593 हितग्राहियों को शासन की योजना का लाभ दिलाने की जिम्मेदारी फूड इंस्पेक्टर अजय मौर्य की है अगर वही जांच करनें की बजाय गरीबों के राशन में गड़बड़ी करनें वाले दुकानदार को बचाने के लिए एक बार माफ कर दो कहेंगे तो गरीबों को राशन कैसे मिलेगा?




सरकार की योजना जो गरीबों के लिए बनाई गई है उन तक राशन कैसे पहुँचेगा? गरीबों का पेट कैसे भरेगा? सरकार का भरोसा कैसे करेंगे गरीब?फिलहाल गरीबों के हक पर डाका डालने और डाका डालने वालों को बचाने संरक्षण देने वाले फूड इंस्पेक्टर की खबर पहली बार सामने नहीं आई है जरूरत है निष्पक्ष कार्यवाही और गरीबों का हक दिलाने की।

 जरूरत है प्रशासनिक व्यवस्था के जिम्मेदारों को धरातल पर काम करनें की ताकि सरकार बनाने वाला गरीब मतदाता सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का पूर्ण लाभ ले सके,ना कि शिकायत के बाद भी खुद को छला महसूस करे।

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