नगर पंचायत चढ़ा राजनीति का भेंट आखिर कब रुकेगा अधिकारी का तबादला नगर को अस्थिर करने का जिम्मेदार हैं कौन
*सी एन आई न्युज से मुकेश साहू की रिपोर्ट*
स्थानांतरण होने के बाद फिर से नगर में राजनीति गतिविधि तेज हो गई है नगर के गली-मुहल्ले, सार्वजनिक स्थानों से लेकर तालाब के घाटों पर नगर पंचायत अधिकारी के स्थानांतरण को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है लोग अब कहने लगे हैं कि आखिर नगर पंचायत अधिकारियों का तबादला कब रुकेगी और इसका जिम्मेदार कौन है? जिसने भी अधिकारी को हटाने की बुनियाद रखी होगी नगर को अस्थिर करने का जिम्मेदार माना जाय तो गलत नहीं होगी तीन महीने पहले ही एक अधिकारी को हटाने का अंजाम लोग देख रहे हैं नगर पंचायत से लेकर नगर का विकास कार्य अस्त-व्यस्त पड़े हालात का नजारा अधिकारी को हटाने का बुनियाद रखने वाले लोग देख रहे हैं नगर पंचायत के अधिकारी राजनीति का भेंट चढ़ते जा रहे हैं इसका मुख्य कारण है हमारे ही बीच के लोग चाहते हैं कि नगर पंचायत के अधिकारी उनके बताए अनुसार चले ताकि मतलबी लोग अपनी स्वार्थ के भूख को शांत कर सके अगर यही सिलसिला जारी रहा तो नगर का भविष्य का क्या होगा? लेकिन आज़ के जमाने में नगर के भविष्य का चिंता कौन करता है?अगर चिंता करते तो आज नगर पंचायत में स्थिति निर्मित नहीं होती किसी का विरोध करना अच्छी बात है विरोध करना भी चाहिए लेकिन जिस दमदारी के साथ विरोध करते हैं उसी दमदारी के साथ नगर विकास में अपना योगदान देना चाहिए किसी अधिकारी को हटाने से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता 6 से 7 माह पूर्व एक अधिकारी को हटाने का जो जंग छेड़ा गया था वहीं जंग अगर नगर मूलभूत समस्या को हल करने के लिए क्यों छेड़ा नहीं जाता? नगर में नकारात्मक राजनीति इस कदर हावी है इसे रोक पाना किसी के बस में नहीं है नगर में अस्थिरता का वातावरण पहले भी कई बार किया जा चुका है इससे नगर वासियों को कुछ मिलने वाला नहीं है सब अपना राजनीतिक का रोटी सेंक रहे है इनके बहकावे में लोगों को नहीं आना चाहिए और नगर के विकास में अपना योगदान जरुर दें। उल्लेखनीय है कि नगर पंचायत के नये अधिकारी का स्वागत कर पार्षदों को आपसी तालमेल स्थापित कर नगर विकास को प्राथमिकता देकर अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहिए तभी तो नगर का विकास होना संभव है।
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