इस्लामिक कैलेण्डर के पहले महीने का नाम,, मुहर्रम,, है
*सी एन आई न्यूज़ के लिए पुरुषोत्तम जोशी की रिपोर्ट*
रायपुर - इस्लामिक कैलेण्डर के पहले महीने का नाम,, मुहर्रम,, है। मुसलमानो के लिए यह सबसे पवित्र महीना होता है।इस महीने से इस्लाम का नया साल शुरू होता है। मुहर्रम के 10 वें दिन 10 तारीख को रोज-ए-आशुरा कहा जाता है।
इस दिन को इस्लामिक कैलेण्डर में बेहद अहम माना गया है। क्योंकि इस दिन हज़रत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। हज़रत इमाम हुसैन ने कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ शहादत दी थी। इसलिए इस माह को ग़म के महीने के तौर पर मनाया जाता है।इमाम हुसैन की शहादत की याद में ही ताजिया और जूलूस निकाला जाता है।
इस्लाम में हज़रत अली को शेरे खुदा की उपाधि दी गई थी।जब कोई पुत्र की मन्नत होती है तो उस बच्चे को मोहर्रम माह में शेर की तरह सजाया जाता है। और ये शेर परंपरा के अनुसार घर घर जाते हैं और ताजियों के जूलूस में करतब दिखाते हैं।
शेर बनना मोहर्रम के प्रति श्रद्धा की भावना होती है।
शेरों के साथ जो बैंड बाजे वाले होते हैं वे एक विशेष धुन बजातें है, जिसमें ये शेर अपना नृत्य प्रस्तुत करते हैं।
शादी ब्याह एवं अनेक अवसरों पर युवा इस धुन को बजवा कर नाचते हैं।
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